Social Justice

बेरूत: पीड़ितों के लिए न्याय, शासन से बदला

बेरूत विस्फोट एक पल का ही था। लेकिन इसने लेबनन में एक भारी घाव छोड़ दिया है, और शासन की अवैधता को बेनकाब कर दिया है।
नकली जांच, मतपेटियों या बचावी सरकारों द्वारा कोई वैधता बहाल नहीं की जाएगी। वैधता उन लोगों की है जो सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं। और हम जिस न्याय में विश्वास करते हैं वह सबको साथ लेकर चलता है। हम जिस न्याय में विश्वास करते हैं, वह कभी भी सबसे बेसहारा तबके की कीमत पर नहीं पाया जाएगा।
नकली जांच, मतपेटियों या बचावी सरकारों द्वारा कोई वैधता बहाल नहीं की जाएगी। वैधता उन लोगों की है जो सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं। और हम जिस न्याय में विश्वास करते हैं वह सबको साथ लेकर चलता है। हम जिस न्याय में विश्वास करते हैं, वह कभी भी सबसे बेसहारा तबके की कीमत पर नहीं पाया जाएगा।

4 अगस्त 2020 को 6:00 बजे, बेरूत के बंदरगाह पर गोदाम नंबर 12 में, हम सभी पैदा हुए थे, या यूँ कहें, हम सब मर गए और हम में से कुछ लोग टूटे हुए कांच, कंक्रीट के टुकड़े और अमोनियम नाइट्रेट के बीच फिर ज़िंदा हो गए।

हमारे पास कुछ भी नहीं बचा था, सिवाय इसके कि हम अपने शहर पर आई आपदा की भयावहता को मापने की कोशिश करें।यह एक प्राकृतिक आपदा की वजह से नहीं हुआ था;न ही यह किसी दुर्घटना या वेल्डिंग भूल का परिणाम था;न ही यह केवल नव-उदारवादी शासन द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार की व्यापक स्थिति का नतीजा था, जिसने 30 से अधिक वर्षों से हमारे देश पर शासन किया है।

यह विस्फोट लोगों के खिलाफ किया गया एक अपराध है। ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया, कुछ जो इस विस्फोट के ज़िम्मेदार हैं, कई जिनका इससे फ़ायदा हुआ और वह फ़ायदा उठाते रहेंगे, और ऐसे लोग भी हैं जो इस आपदा को उचित ठहरा रहे हैं।

यह सब उस प्रणाली के मूल को दर्शाता है जो हमारे जीवन को चलाती है: एक नवउदारवादसांप्रदायिक शासन जहां पूँजी और शक्ति संचय की प्यास हमारे जीवन और आजीविका की कीमत पर आती है।

4 अगस्त ने हमारे जिस्मों की तुछता, हमारे शहरों की भेद्यता और सत्तारुढ़ माफ़िया की आपराधिक गहराई को उजागर किया।विस्फोट किसी शून्यता में नहीं हुआ, इस सदमे की लहरें पहले से ही थके हुए समाज में फैल चुकी हैं।अक्टूबर 2019 के बाद से हम एक लोकप्रिय विद्रोह की ऊँचाइयों और दमनकारी प्रति-क्रांति की गहराइयों से गुज़रे हैं। हमने बिगड़ते हुए आर्थिक संकट और वित्तीय गिरावट को सहा है जो फरवरी 2019 से कोविड-19 महामारी के कारण और अधिक गहरा गया है।हमअंतहीन भू-राजनीतिक युद्धों और साम्राज्यवादी सत्ता संघर्षों में भी फसे हुए हैं जिन्होंने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है।ऐसे हालात में हमारे गणतंत्र के राष्ट्रपति ने 4 अगस्त के विस्फोट को एक अवसर के रूप में वर्णित किया, जो लेबनन की वित्तीय सहायता के लिए “दरवाज़े खोल देगा” ।यह आपदा-पूंजीवाद का स्वभाव है: हमारी विपत्ति उनके लिए एक मौक़ा है—खुद का प्रजनन करने का और अपनी शक्ति बनाए रखने का।

4 अगस्त 2020 को, बेरुत के बीचोंबीच एक विस्फोट हुआ और लोगों के खिलाफ युद्ध की घोषणा की गई, सैकड़ों मौतें, हज़ारों घायल और विकलांग, हज़ारों विस्थापित, कई अभी भी लापता—और असीमित नुकसान। इस युद्ध को टाला जा सकता था लेकिन हम जानते हैं कि मौजूदा सत्ता के लिए हमारी जानों की कोई कीमत नहीं है। इस नए सत्य के प्रकाश में, हज़ारों लोग अब आप्रवासन पर विचार कर रहे हैं। यहां जीवित रहने में असमर्थ, वे चले जाएँगे, जबकि जिन लोगों के कारण देश की बर्बादी हो रही है, वे लोग—जो थोड़ा बहुत बचा है, उसे भी सबसे अधिक बोली लगाने वाले को बेच रहे हैं।

4 अगस्त 2020 को शासन ने ये साबित कर दिया कि उसके आपराधिक इरादों की कोई सीमा नहीं है। हम जांच पड़ताल नहीं चाहते। सच्चाई स्पष्ट है। यह मृतकों और घायलों के शवों पर, शहर की नष्ट गलियों में, बचे हुए लोगों की आँखों में, पीड़ितों की जीवित स्मृति में उत्कीर्ण है। हमें किसी जांच की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हम एक ऐसे शासन द्वारा गठित जांच आयोग पर भरोसा नहीं कर सकते जिसने न्यायपालिका का क़ब्ज़ा कर लिया है और अपने हितों की रक्षा के लिए न्याय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है। हम सभी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि जिन वारलोर्ड्स ने पन्द्रह वर्षों के गृह-युद्ध के दौरान हमारे ऊपर कई अपराध किए, और 1990 में खुद को निर्दोष घोषित करने के लिए एक माफ़ी कानून पारित किया था, वे हमें न्याय नहीं दिला सकते।

4 अगस्त को, इस माफ़िया शासन ने पुष्टि की कि यह केवल भ्रष्ट, मुनाफ़े का भूखा और नैतिक रूप से दिवालिया ही नहीं है, बल्कि जानलेवा है। इसके साथ रहना हमारे लिए असंभव है। विस्फोट को एक महीने से अधिक हो चुका है, और हम अभी भी अपने घावों को भर रहे हैं, लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं, और मृतकों को दफ़ना रहे हैं। एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, और शासन अभी भी सत्ता में है, जांच में हेरफेर कर रहा है, मुआवज़ा निचोड़ रहा है, और अपने अपराध से भागने की कोशिश कर रहा है।

एक महीने के बाद, एक बात तो स्पष्ट है: या तो वे रहेंगे या हम।

पिछले साल अक्टूबर में, हमने सड़कों पर उतरकर उनको गिराने की मांग की थी। देश के हर चौक पर हज़ारों और लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए थे, ये कहने के लिए कि अब बहुत हो गया: "उन सभी का मतलब है वे सभी," यह हमारा नारा था, और अभी भी है। वे सभी जिम्मेदार हैं, और उन सभी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए । हमारे विद्रोह और हमारे सामूहिक आक्रोश के सामने, शासन ने हिंसा से जवाब दिया, प्रतिरोध को कुचलने के लिए अपने सुरक्षा साधनों का पट्टा खुला छोड़ दिया। उन्होंने हमें तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया; उन्होंने हमें मारने और हमें डराने के लिए घातक गोला बारूद का इस्तेमाल किया। उन्होंने हमें मारा-पीटा और हमारी क्रांतिकारी चाह को तोड़ने के भयंकर प्रयास में हमें गिरफ्तार कर लिया। और जब बाकी सब कुछ असफल हो गया, तो उन्होंने हमें गृह-युद्ध की चेतावनी दी। क्रांति को तोड़ने के लिए इन वारलोर्ड्स ने युद्ध की चुनौती दी, सुधार के खाली वादे किए, और कठपुतली सरकारों की स्थापना की, जो हमें पतन की ओर और अधिक तेज़ी से धकेल रही हैं।

विस्फोट के एक हफ्ते बाद, कठपुतली तकनीकतंत्री प्रधान मंत्री ने इस्तीफ़ा दे दिया, हमें मानवीय तबाही और ऐसे वित्तीय पतन के साथ छोड़कर जो उनकी कैबिनेट महीनों तक संबोधित करने में विफल रही। उन सारे महीनों में सरकार ने केवल माफ़िया शासन के हितों की रक्षा की। विस्फोट के एक हफ्ते बाद, प्रधान मंत्री ने व्यापक और अंतर्राष्ट्रीय दबाव में इस्तीफ़ा दे दिया, हमें उथल-पुथल और मुसीबत के खतरे में छोड़कर। उन्होंने हमें आपातकालीन कानून के तहत छोड़ दिया। यह क़ानून संसद द्वारा असंवैधानिक रूप से विस्तारित किया गया और इसने सेना-बल को असाधारण शक्तियाँ प्रदान की हैं।

राहत और बचाव के लिए जरूरी ढाँचा प्रदान करने के बजाय, शासन की एकमात्र चिंता यह थी कि वह अपनी विफलता को कैसे छुपाए। राजनीतिक नेताओं ने अपने निरर्थक भाषणों में इस विनाशकारी विस्फोट को लेबनन की आर्थिक घेराबंदी को समाप्त करने का एक अवसर बताया। ज़मानत राशि को सुरक्षित करने में विफल रहने के बाद, वे अब गिद्धों की तरह चक्कर लगाते हैं कि हमारे नर-संहार से होने वाले लाभ का आंकलन कर सकें। ज़िम्मेदारी संभालने के बजाय, शासन ने एक ऐसे कानून के रूप में अपना जवाब दिया जो नागरिकों पर सैन्य अदालतों के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करता है, सेना को एकत्रित होने के स्थानों को बंद करने की शक्ति देता है, किसी भी समय कर्फ्यू लगाने की शक्ति देता है, ऐसी सभाओं को प्रतिबंधित करने की शक्ति देता है जो कथित रूप से सुरक्षा की दृष्टि से ख़तरनाक हों, प्रकाशनों और मीडिया को सेंसर करने की शक्ति देता है, कथित रूप से खतरनाक गतिविधियों में संलग्न किसी को भी घर में ही गिरफ्तार करने की शक्ति देता है, और किसी के भी घर में प्रवेश करने की शक्ति देता है। यह शासन एक लंबे समय से पुलिस राज्य बनने की कोशिश कर रहा था – इस नर-संहार से उसे ये अवसर मिल गया।

8 अगस्त को, जब हज़ारों लोग हमारे मृतकों का शोक मनाने और न्याय और जवाबदेही की माँग करने के लिए बेरूत शहर में एकत्रित हुए, तो पुलिस राज्य ने आँसू गैस और जीवित गोला-बारूद के साथ हमसे मुलाकात की। जिन लोगों को गोली लगी या जो घायल हुए उनमें से कई ऐसे थे जो विस्फोट से किसी तरह बच गए थे; कई ऐसे थे जो बचाव और राहत प्रयासों में सहायता कर रहे थे। इस शासन के तहत हम शांति से शोक भी नहीं मना सकते।

4 अगस्त 2020 को, हमारी राजधानी के बीचोंबीच, इस शासन के कारण हुए विस्फोट ने वो आखिरी धागा भी तोड़ दिया जिसने हमें इससे जोड़ रखा था। लेबनन की स्थापना के सौ साल बाद, बंदरगाह के विस्फोट ने बेकार पड़े सोशल कॉंट्रैक्ट के सभी सिद्धांतों को नष्ट कर दिया: सांप्रदायिक सह-अस्तित्व, प्रतिरोध और राष्ट्रीय संप्रभुता के सिद्धांतों को। यह सब समाप्त हो गया है, और एक बात पूरी तरह से स्पष्ट है: हम कब्ज़े में हैं।

4 अगस्त 2020 को शासन ने अपनी सारी वैधता खो दी और हम अपने राजनेताओं, इसके दलों, इसके बैंकों और इसके मीडिया के साथ खुले युद्ध में उतर गए। नकली जांच, मतपेटियों या बचावी सरकारों द्वारा कोई वैधता बहाल नहीं की जाएगी। वैधता उन लोगों की है जो सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं। और हम जिस न्याय में विश्वास करते हैं वह सबको साथ लेकर चलता है। हम जिस न्याय में विश्वास करते हैं, वह कभी भी सबसे बेसहारा तबके की कीमत पर नहीं पाया जाएगा।

4 अगस्त 2020 को शासन ने हम पर युद्ध की घोषणा की। हम आज अपनी मुक्ति के लिए लड़ाई की शुरुआत की घोषणा करते हैं।

Available in
EnglishGermanSpanishFrenchPortuguese (Brazil)Italian (Standard)Portuguese (Portugal)Hindi
Translators
Nivedita Dwivedi and Kartikeya Jain
Date
16.09.2020
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