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सोफिया सकोराफा: लोकतंत्र के लिए संघर्ष कभी नहीं रुकता

मेरा25 सांसद और बोलीविया के चुनाव के लिए पी.आई. पर्यवेक्षक प्रतिनिधि मंडल की सदस्या सोफिया सकोराफा - बोलीविया चुनाव का अर्थ और महत्व स्पष्ट करते हुए।
प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल 18 अक्टूबर २०२० को देश के चुनावों का अवलोकन करने के लिए बोलीविया पहुंचे ।
प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल 18 अक्टूबर २०२० को देश के चुनावों का अवलोकन करने के लिए बोलीविया पहुंचे ।

अपने आधुनिक इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर-और एक प्रमुख राजनीतिक संकट के बाद जो कि लगभग एक साल के लिए चला - बोलीविया के लोगों को एक नए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, और कांग्रेस के चुनाव के लिए अपनी लोकतांत्रिक इच्छा व्यक्त करनेका एक मौका मिला ।

इस प्रक्रिया में हमारी उपस्थिति का कारण हमारी एकजुटता की अभिव्यक्ति से अधिक थी; यह हमारी राजनीतिक ज़िम्मेदारी का सवाल था । हमारे प्रतिनिधि मंडल को इस महत्वपूर्ण समय में बोलीविया गणराज्य के इस पवित्र समारोह में भाग लेने का सम्मान प्राप्त हुआ।

लोकतांत्रिक विवेक रखने वाला हर व्यक्ति, चाहे वो दुनिया में कहीं भी हो, निश्चित रूप से ऐसे क्षण से प्रभावित होगा - खासकर जब वो इतना भाग्यशाली हो कि न केवल लोकतंत्र की प्रक्रिया का अनुभव कर सके, बल्कि राष्ट्रीय विकास के लिए लोगों की चिंता और दृढ़ संकल्प को भी देख सके।

हमारा निष्कर्ष यह है कि बोलीविया के लोगों ने अपने देश के भाग्य को निर्धारित कर लिया है। इस शांतिपूर्ण चुनाव में उनकी भागीदारी बोलीविया के इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो सत्तावादी शासन की अवधि को बंद कर रहा है और एक अवांछित कोष्ठक के रूप में पीछे छोड़ रहा है।

अंतिम परिणाम के लिए प्रत्येक नागरिक की भावना की परवाह किए बिना, लोकतंत्र के नियम - एक पवित्र और अहिंसात्मक तरीके से ये लागू करते हैं कि - लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का सम्मान किया जाए, इस स्वाभाविक शर्त के साथ कि परिणाम अनिष्ट कारकों से प्रभावित न हों।

बोलीविया के लोगों के सामने अब मूलभूत चुनौतियाँ हैं। जीवन स्तर, राष्ट्रीय संपदा का वितरण और सामाजिक ज़रूरतों के लिए राष्ट्रीय संसाधनों का आवंटन, शिक्षा तक पहुंच और पूरे शिक्षा प्रणाली की क्षमता पहली समस्याएं हैं जिनपर लुइस आर्से के राजनीतिक नेतृत्व को आंका जाएगा। ये सब सभी क्षेत्रों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मज़बूत और गहरा करने की आवश्यकता के अतिरिक्त है- जो कि किसी भी लोकतांत्रिक राज्य के लिए एक अनिवार्य कसौटी है।

यह तय है कि बोलीविया का संकट अकेले बोलीविया से संबंधित नहीं है । पूरा लैटिन अमेरिका - प्रत्येक देश अपने स्तर पर - अपने भारी औपनिवेशिक अतीत से उभरने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो कि न केवल उनकी इच्छा के खिलाफ उन पर थोपा गया था, बल्कि उनकी सामाजिक ज़रूरतों और लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा की भी उपेक्षा करता था।

पिछले कुछ दिनों में हमें ये महसूस हुआ है कि, बोलीविया के लोग यह साबित करने के लिए दृढ़संकल्प हैं कि वे अत्यंत मज़बूत हैं और अपने देश में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए एक राष्ट्रीय कर्तव्य की स्पष्ट भावना रखते हैं।

बेशक, चुनाव लोकप्रिय शक्ति के निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण क्षण हैं । लेकिन लोकतंत्र के लिए संघर्ष कभी नहीं रुकता।

बोलीविया और उसके लोगों के भविष्य के लिए हमारी हार्दिक शुभकामनाएं । हम हमेशा उनके पक्ष और उनकेभावी पीढ़ियों के पक्ष में खड़े रहेंगे, क्योंकि उनके पक्ष में इतिहास और न्याय है।

Available in
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Author
Sofia Sakorafa
Translators
Nivedita Dwivedi and Laavanya Tamang
Date
21.10.2020
Source
Original article
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