हम, प्रोग्रेसिव इंटरनैशनल काउंसिल के सदस्य, लंदन में वर्तमान में उनके खिलाफ लगाए गए गैरकानूनी और खतरनाक प्रत्यर्पण मुकदमे से जूलियन असांज की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं। जूलियन असांज एक विश्व-परिभाषित पत्रकार, संपादक और बौद्धिक रहे हैं, जिनका काम वैश्विक न्याय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा है। संयुक्त राज्य अमरीका का एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक की यूरोप के संप्रभु देशों में की गई पत्रकारिता का अभियोजन, मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। इससे भी अधिक खतरनाक, यह एक कानूनी मिसाल कायम करता है, जिसका अर्थ है कि अमरीका की विदेश नीति के कोई भी विरोधी को आजीवन कारावास या मौत की सज़ा का सामना करने के लिए अमरीका भेजा जा सकता है। इस मामले के परिणामों से दुनिया भर में बोलने की आज़ादी के अधिकार और राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरा है।
विकिलीक्स सत्य और न्याय की लड़ाई में जुटे दुनिया भर के सामाजिक आंदोलनों के लिए एक प्रेरणा रहा है। इस सदी में, असांज ने विकीलीक्स के संपादक और पत्रकार के रूप में अन्य प्रकाशनों की तुलना में, सबसे ज़्यादा सरकारी दुष्कर्मों का खुलासा किया है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग तथा आइसलैंड से नामीबिया तक के देशों में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा शामिल है। यद्यपि वह मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपने काम के लिए वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित थे, लेकिन जब विकिलीक्स ने अमरीकी सरकार के अपराधों का खुलासा करना शुरू किया—विशेष रूप से, इराक में युद्ध के दौरान किए गए अपराध, ग्वांतनामो खाड़ी में अत्याचार, और सी.आई.ए.के अवैध साइबर-युद्ध का कार्यक्रम जिसका पता "वॉल्ट 7" में लीक हुए दस्तावेज़ों से चला—तब असांज को अमरीका ने एक अपराधी और आतंकवादी घोषित कर दिया।
हमें याद रखना चाहिए कि असांज पर यह मुकदमा केवल उनके प्रकाशनों की वजह से चल रहा है।
हमारा मानना है कि प्रत्यर्पण के मामले में जूलियन असांज का समर्थन दुनिया भर की प्रगतिशील ताकतों के लिए एक अग्नि परीक्षा है। इसके ऐतिहासिक महत्व के बावजूद, इस मामले को शांत रखा गया है—और अब सभी प्रगतिशील ताकतों की ज़िम्मेदारी है कि वे अपनी आवाज़ उठाएं। इस सब के बीच, असांज को अलगाव में छोड़ दिया गया है, पहले लंदन के इक्वाडोरियन दूतावास में, और अब बेल्मार्स जेल में, जहां उन्हें हर दिन 23 घंटे तक कैद में रखा जाता है। असांज को काफी नुकसान उठाना पड़ा है और उनके और ज़्यादा लंबे समय तक कैद में रहने से 21वीं सदी के सबसे साहसी प्रकाशकों में से एक की जान जा सकती है। इस मोड़ पर असांज का समर्थन करने में असफल रहना महान कायरता, और असाधारण आत्म-क्षति का कार्य होगा।
हम जानते हैं कि जूलियनअसांजका मामला सिर्फ़ अकेले उनका भाग्य ही नहीं, बल्कि और बहुत कुछ तय करेगा।असांजके मामले का परिणाम शक्ति के दुरुपयोग के खिलाफ हमारी सामूहिक सुरक्षा का भविष्य तय करेगा। यदि हम अभी विरोध में नहीं उठे — अगर हम अभीअसांजके लिए बोलने का साहस नहीं जुटा पाए — तो उसे एक गुप्त अदालत में भेज दिया जाएगा, जीवन भर के लिए कैद और मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा। हम ऐसे ख़ाली खड़े नहीं रह सकते।असांजके लिए अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता अब पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है।
जब तक उनको आज़ाद नहीं किया जाएगा, हम उनके अमरीकी प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ेंगे।
जूलियन अगुआन
मानवाधिकार वकील, माइक्रोनेशिया
स्लिम अमामू
कार्यकर्ता, ट्यूनीशिया
सेल्सो अमोरिम
ब्राज़ीलके पूर्व विदेश मंत्री
रेनाटा आवला
मानवाधिकार वकील, ग्वाटेमाला
एलीशियाकास्त्रो
राजनीतिक और संघ कार्यकर्ता, अर्जेंटीना
नोम चोमस्की
भाषाविद्, अमरीका
राफेल कोरिया
इक्वाडोर के पूर्व राष्ट्रपति
तसनीम एसोप
जलवायु और सामाजिक न्याय कार्यकर्ता, दक्षिण अफ्रीका
निक एस्टेस
इतिहासकार, लोअर ब्रूल सिओक्स जनजाति
हैरी हैल्पिन
निम टेक्नोलॉजीज, यूएसए के सह-संस्थापक
रचमी हर्तांटी
वैश्विक न्याय के लिए इंडोनेशिया
श्रीको होरवेट
दार्शनिक और डीआईईएम 25, क्रोएशिया के सह-संस्थापक
जियोर्जियो जैक्सन
राजनीतिज्ञ और कार्यकर्ता, चिली
स्कॉट लुडलम
लेखक,कार्यकर्ता और पूर्व सीनेटर,ऑस्ट्रेलिया
हर्ष मंदार
मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक,भारत
जॉन मैकडोनेल
लेबर सांसद,यूनाइटेड किंगडम
कविता नायडू
मानवाधिकार अधिवक्ता, फिजी
विजय प्रशाद
ट्राइकांटिनेंटल: इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च,इंडिया के निदेशक
अरुणा रॉय
संस्थापक एमकेएसएस, भारत
अरुंधति रॉय
उपन्यासकार,भारत
अहदफ सौइफ
लेखक, मिस्र
यानिस वरूफकिस
अर्थशास्त्री और महासचिव एमीआरए 25, ग्रीस
मोना सेफ
मानवाधिकार कार्यकर्ता, मिस्र
नेटलिया बोनावाइड्स
कॉंग्रेस सदस्या, ब्राज़ील
एंड्रेस अरौज़
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, इक्वाडोर
Graphic: Max Gede