7 अक्टूबर को, ग्रीक अदालतों ने देश के दंड कानून के अनुसार सबसे भारी आरोपों में से एक पर ऐतिहासिक निर्णय लिया : कि गोल्डन डॉन, एक नव - नाज़ी पार्टी - एक आपराधिक संगठन था जो कि एक राजनीतिक पार्टी का मुखौटा धारण किए हुए था। इस फैसले ने प्रभावी ढंग से इस संगठन के लगभग 40 साल के इतिहास और एक संसदीय पार्टी के रूप में इसके एक दशक के इतिहास का अंत कर दिया।
और यह बहुत ही प्रभावी मुखौटा रहा है । 2013 में, गोल्डन डॉन के सदस्य जियोर्गोस रूपाइस द्वारा एंटी-फासिस्ट रैपर पावलोस फिसास की हत्या ने संगठन की राजनीति और इसकी सार्वजनिक धारणा दोनों में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में चिह्नित किया, और संगठन पर एक लंबी आपराधिक जांच की शुरुआत की। हालांकि 2013 से पहले तक, मीडिया नियमित रूप से गोल्डन डॉन को "चिंतित निवासियों" के रूप में प्रस्तुत कर रही थी जो उनके पड़ोस में प्रवासीओं से उत्पन्न हुई कथित समस्याओं के कारण उनके विरुद्ध लड़ रहे थे, जबकि गॉसिप वाले टी वी कार्यक्रम और अखबार के कॉलम्स खुशी से सदस्यों के निजी जीवन में झांक रहे थे। 2009 में एथेंस नगर परिषद में गोल्डन डॉन के प्रवेश के आसपास की बयानबाज़ी और बाद में 2012 में संसद में उनके प्रवेश, इन दोनों बातों का उत्तरोत्तर सरकारों द्वारा प्रवासी-विरोधी कथनों और नीतियों की प्रवृत्ति के साथ मेल-जोल हो गया, जबकि दक्षिणपंथी दलों का उपयोग अल्पकालिक राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए होता रहा।
लेकिन कारणों से उन्हें अब दोषी ठहराया जा रहा है, वे पहले भी कुछ अलग नहीं थीं। 1980 के दशक के शुरू में, अपनी शुरुआत के बाद से ही गोल्डन डॉन को हिंसा के लिएको ज़िम्मेदार ठहराया गया है, और जैसे ही संगठन 2009 के बाद तेज़ी से बढ़ा और संसद की ओर पहुँचने लगा, उसके सार्वजनिक प्रदर्शन, सैन्यवादी समारोह और प्रवासियों पर सामूहिक हमले टीवी की लोकप्रियता बढ़ाने में कारगर होने लगे।
2011 में एथेंस के केंद्र में प्रवासी विरोधी पोग्रोम, 28 वर्षीय पाकिस्तानी सख्ज़त लुकमैन की नृशंस हत्या, मिस्र के मछुआरों के घर पर रात को आक्रमण और हत्या की कोशिश और हड़ताल का पोस्टर लटका रहे बंदरगाह कर्मियों पे हमला - ये सभी सालों से चलते हुए इस परीक्षण का हिस्सा थे - लेकिन उस समय सुर्खियों में भी बमुश्किल ही आ पाते थे, जनता ने उस दौर के अधिकांश हिस्से के दौरान स्वेच्छा से अपनी आँखें बंद किए हुए थी, उन्हे यह विश्वास दिलाते हुए कि गोल्डन डॉन के हिंसा के सार्वजनिक कृत्य ‘ज़्यादा क्रूर नहीं’ थे और केवल ‘बेचैनी की अभिव्यक्ति’ थे -चौंकाने वाले , लेकिन सीमित।
जब गोल्डन डॉन ने पहली बार जून 2012 में संसद में प्रवेश किया था, तब उसे 7% वोट मिले थे। अभियोग से पहले के सर्वेक्षणों ने इसकी लोकप्रियता को 10% से भी अधिक दिखाया । प्रधानमंत्री एंटोनिस समरस की हार्ड-राइट न्यू डेमोक्रेसी सरकार ने इस संगठन को कैसे देखा, इसका जवाब 2014 में दिया गया, जब गोल्डन डॉन के प्रवक्ता इलियास कासिडिराइस ने प्रधानमंत्री के सहयोगी टाकिस बाल्तकोस के साथ हुई बातचीत का एक वीडियो लीक किया, जिसमें दोनों लोग गोल्डन डॉन के खिलाफ अभियोजन के ब्योरे पर चर्चा कर रहे थे । वीडियो में समरस और गोल्डन डॉन के बीच लगातार समन्वय का खुलासा होता दिखाई दिया, जिसमें बाल्तकोस मध्यस्थ के रूप में काम कर रहे थे ।
2013 के बाद से, गिरफ्तारी, अभियोजन और संगठन की गतिविधियों के खुलासे के बाद - जिसमे इसके सैन्य प्रशिक्षण शिविरों से आई गवाही और तस्वीरें, संग्रहित हथियार, संगठित अपराध के साथ जुड़ाव, और फ़ासिज़्म का वैचारिक और संगठनात्मक प्रभाव दिखाते हुए सबूतों का एक विशाल संग्रह शामिल था - 2015 में आयोजित दोनों चुनावों में गोल्डन डॉन की सफलता घटी, लेकिन फिर भी 6% और 7% के बीच बनी रही जो ग्रीक की चुनाव प्रणाली के तहत संसद में प्रवेश के लिए 3% सीमा से अधिक थी।
पावलोस फिसास की हत्या के बाद से इसकी हर वर्षगांठ पर आयोजित बड़े पैमाने पर एंटीफासिस्ट रैलियों और साथ ही कई राजनीतिक संगठनों और पत्रकारों के काम द्वारा, गोल्डन डॉन के वास्तविक स्वभाव के बारे में जागरूकता बढ़ी और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस सब ने इसके अंत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसकी वजह से ये संगठन 2019 के आम चुनाव में संसद में प्रवेश करने में विफल रहा है ।
हालांकि, उनकी हार के सिर्फ ये ही कारण नहीं थे । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनावों से पता चला है कि चुनावी शक्ति के संदर्भ में, गोल्डन डॉन के मतदाता काफी हद तक दक्षिणपंथी न्यू डेमोक्रेसी पार्टी में चले गए हैं, जो जुलाई 2019 में 39% के भारी मत से जीती थी, क्योंकि उसने प्रेस्पेस समझौते के खिलाफ तीव्रता से एक राष्ट्रवादी आंदोलन को सफलतापूर्वक भड़काया, जिस संधि के द्वारा ग्रीस ने अपने पड़ोसी देश उत्तर मैसेडोनिया के नाम को मान्यता दी थी । जहां तक गोल्डन डॉन के सामाजिक आंदोलन की बात है, यह अब पूरे ग्रीस में संख्या और तीव्रता दोनों में बढ़ रहे विभिन्न शरणार्थी विरोधी दंगों की ओर मुड़ गया है ।
प्रेस्प्स समझौता गोल्डन डॉन का अंतिम दाव था, भले ही संगठन इसका पूरा श्रेय नहीं ले सका, जैसा कि उसने 2013 से पहले किया होता, अपनी कार्यप्रणाली के साथ संरेखित घटनाओं के लिए: पत्रकारों के खिलाफ हिंसक हमले; स्क्वाट, सामाजिक केंद्रों और अन्य दलों के मुख्यालय में आगजनी और बर्बरता; वामपंथियों और अराजक तत्वों पर हमले; "हर एंटीफा की मौत" (पावलोस फिसास की हत्या के साथ सीधा संदर्भ), “जिन सांसदों ने समझौते के पक्ष में वोट की उनका ‘वांटेड’ पोस्टर लैंपपोस्ट से लटका देना” जैसे नारे, साथ ही साथ उनके घरों के बाहर रात में विरोध प्रदर्शन करना।
अंत में, गोल्डन डॉन केवल संसदीय थेयट्रिक्स के लिए ही श्रेय ले सका: इलियास कासिडियारिस का यूनानी संसद के चैंबर में नए लोकतंत्र के पूर्व पुलिस मंत्री, निकोस डेंडिस पर हमला,और सांसद कोस्टास बर्बर का पुलिसिया कार द्वारा पीछा उन्होंने सेना से प्रधानमंत्री और गणराज्य के राष्ट्रपति को देशद्रोह के लिए गिरफ्तार करने के लिए संसदीय स्टैंड से कहा।
प्रेस्प्स समझौते के खिलाफ व्यापक विद्रोह ने राष्ट्रवादी उन्माद को प्रेरित किया, लेकिन किरियाकोस मित्सोटाकिस का नया लोकतंत्र, गोल्डन डॉन की तुलना में इसे अवशोषित करने के लिए कहीं बेहतर स्थिति में था । मित्सोटाकिस ने पूर्व सिरिज़ा सरकार के खिलाफ विपक्ष की रणनीति के रूप में समझौते के विरोध का समर्थन किया, फिर चाहे वह कितना ही हिंसक क्यों न हो गया, इस विडंबना के बावजूद कि 1990 के दशक में उत्तर मैसेडोनिया के साथ एक पहले प्रस्तावित समझौते के खिलाफ विरोध प्रदर्शन गोल्डन डॉन का मुख्यधारा में प्रवेश और अंततः मित्सोटाकिस के पिता, जो उस समय प्रधानमंत्री थे, को कार्यालय से हटाने के लिए ज़िम्मेदार था।
नए लोकतंत्र की सनक के बावजूद, प्रेस्प्स समझौते के अपने विरोध के दौरान, गोल्डन डॉन ट्रायल के कारण ध्वस्त ही हुआ है। 2013 के बाद से और आज भी गोल्डन डॉन अपने सदस्यों के बीच आंतरिक संघर्ष, गुटबाज़ी और आरोपों से त्रस्त है। वर्तमान में, संगठन के लगभग सभी मुख्य लेफ्टिनेंट अपने दल बनाने के लिए विभाजित हो चुके है, और संदेह के बावजूद यह कठोर पदानुक्रम के आरोपों को कमज़ोर करने की रणनीति थी - जिस प्रकार की एक आपराधिक संगठन को आवश्यकता होती है - फिर भी इसने निश्चित रूप से इसकी परिचालन क्षमता को भी प्रभावित किया है । 2014 के बाद से, इसके कार्यालय धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं, और पिछले चुनाव में उनकी हार के बाद, उनके एथेंस मुख्यालय को भी खाली कर दिया गया है।
आज, गोल्डन डॉन प्रभावी ढंग से एक संगठन के रूप में खत्म हो गया है। ट्रायल का निष्कर्ष तब आया है जब गोल्डन डॉन ने पहले से ही अपनी राजनीतिक ताकत को खो दिया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसकी कहानी खत्म हो गई है। राजनीतिक व्यवस्था और संगठित अपराध दोनों से गोल्डन डॉन के कनेक्शन, गवर्निंग पार्टी द्वारा इसके एजेंडे को अपनाया जाना और सेना और पुलिस में इसके गहरे प्रभाव को आसानी से उखाड़ा नहीं जा सकता । ये उन हजारों लोगों के लिए अगली चुनौती होगी, जिन्होंने आज "वे निर्दोष नहीं हैं” के बैनर के साथ एथेंस अपील अदालत के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
यानिस-ओरेटिस पापदिमिट्रीउ एथेंस में आधारित एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। वह द मैनिफोल्ड, के सदस्य हैं जो कि एक खोजी संगठन है, जिसके सदस्य एथेंस, निकोसिया और लंदन में फैले हुए हैं।