3 अक्टूबर को नाइजीरिया के नाइजर डेल्टा क्षेत्र के एक कस्बे उघेली में पुलिस ने एक युवक की हत्या कर दी थी । इस घटना का एक वीडियो शहर के निवासियों ने व्हाट्सएप पर प्रसारित किया था और ट्विटर पर पोस्ट भी किया था । इससे देश में युवाओं का #EndSARS विद्रोह छिड़ गया, जो 20 अक्टूबर को कम से 36 लोगों के नरसंहार के खून में डूब गया । इनमें से अधिकांश मौतें लागोस राज्य के लेक्की टोलगेट पर हुईं - उस मेगा-शहर में जो विद्रोह के दो मुख्य केंद्रों में से एक था, जहां देश की आबादी का दसवां हिस्सा रहता है।
नाइजीरिया अफ्रीकी महाद्वीप पर सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जहां बीस करोड़ से अधिक निवासी हैं । देश 20 वीं सदी के दौरान, स्वतंत्रता के अपने पहले चालीस सालों में से तीस के दौरान सैन्य शासन के अधीन था । 1999 में गणतंत्र पुनः बहाल हुआ। लेकिन नागरिक शासन में भी सैन्यीकरण जस-का-तस था । श्री मुहमधू बुहारी सहित दो सबसे लंबे समय तक सेवारत राष्ट्रपति, जो वर्तमान में काठी पर हैं, सेवानिवृत्त जनरल हैं, जो 1970 और 1980 के दशक में सैन्य शासकों के प्रमुखों के रूप में अलग-अलग समय पर सेवारत रहे हैं ।
पुलिस क्रूरता, राजनीति और सामाजिक जीवन के सैन्यीकरण के साथ बढ़ती रही है, प्रशासन की मजबूत ग्राहक-सूची के प्रमुख अंग के रूप में । पुलिस की सबसे खूंखार यूनिट स्पेशल डकैती विरोधी स्क्वॉड (स्पेशल एंटी-राबरी स्क्वाड - सार्स) है। 2016 के एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में, इसकी क्रूरता, कबूलनामे के लिए यातना के उपयोग और अ-न्यायिक हत्याओं के तार को प्रलेखित किया गया था ।
हालांकि 3 अक्टूबर का हत्याकांड आर्थिक अभाव और राजनीतिक कट्टरता बढ़ने से हुआ पर काफी हद तक लोग विरोध करने के लिए सड़कों पर आने के लिए कोर से प्रेरित थे, क्योंकि गठबंधन, जो अफ्रीका एक्शन कांग्रेस के साथ गठबंधन है - एक कट्टरपंथी पार्टी है जिसने 5 अगस्त 2019 को अपना #RevolutionNow अभियान शुरू किया ।
#EndSARS विरोध आंदोलन हालांकि औपचारिक रूप से "लीडरलेस" था । यह आंशिक रूप से इसलिए था क्योंकि सहज आंदोलन खुद को गैर-पक्षपातपूर्ण चरित्र पर ले गया । मांगों को केवल पुलिस क्रूरता को समाप्त करने तक सीमित करने के लिए आंदोलन के भीतर कई हलकों में प्रयास किए गए । लेकिन विरोध प्रदर्शनों के दूसरे सप्ताह तक #EndBadGovernanceInNigeria भी नाइजीरिया के ब्लॉगोस्फीयर पर ट्रेंड करने लगे, जहां आंदोलन के आख्यान ने आकार लिया ।
राज्य ने आंदोलन को तोड़ने के लिए जो संभव था सब किया । प्रदर्शनकारियों पर पुलिस के साथ-साथ राज्य के इशारे पर किराए पर ठगों ने हमला किया । इन तरीकों से विरोध के प्रसार को समाप्त करने में विफल रहने पर एक नरसंहार की योजना बनाई गई । सबसे पहले, लागोस राज्य में एक कर्फ्यू घोषित किया गया, जो #EndSARS आंदोलन का एक प्रमुख उपरिकेंद्र (अबुजा, देश की प्रशासनिक राजधानी के साथ) था । कर्फ्यू लागू होने के घंटे भर पहले सैनिकों और पुलिस को लेक्की टोलगेट और अलाऊसा में विधानसभा के लागोस राज्य सभा के सामने में तैनात किया गया, राज्य के दो मुख्य स्थानों पर जहां हजारों लोग शांति से नाइजीरियाई झंडे के नीचे इकट्ठे हुए थे, दिन और रात, पुलिस क्रूरता और बुरे शासन को समाप्त करने की मांग को लेकर ।
वे कायर की तरह हैं, उन्होंने पहले सभी सीसीटीवी कैमरा और स्ट्रीटलाइट का कनेक्शन काट दिया और फिर जिंदा कारतूस दागने लगे । उनका सिर्फ भीड़ को फैलाने का कोई इरादा नहीं था । उन्होंने दो मुख्य रास्तों को ब्लॉक कर दिया और राष्ट्रगान गा रहे, नाइजीरियाई झंडा लहराते रहे लोगों की भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी ।
क्रांति के लिए गठबंधन ने इसे अस्वीकार्य बताते हुए इस नीच हत्या की निंदा की । कोर नाइजीरियाई सरकार को जिम्मेदार ठहराता है और जोर देकर कहता है कि इन नीच हत्याओं और क्रूरता को अंजाम देने में शामिल हर एक अधिकारी को किताब में दर्ज किया जाना चाहिए । गठबंधन ने नाइजीरिया की सेना के खिलाफ सभी प्रासंगिक कानूनी कार्यवाही का समर्थन करने के नाइजीरिया बार एसोसिएशन के रुख को और सलाम किया । और यह लागोस राज्य के राज्यपाल श्री बाबाजिदे सांदो-ओलू को इस पूर्वनियोजित नरसंहार में समान रूप से दोषी ठहराते हैं और उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए ।
सरकार का राजनीतिक उद्देश्य दमन के साथ खुद के लिए कुछ राहत खरीदना था । लेकिन वह लक्ष्य, आगमन पर मर चुका था । लागोस और अन्य राज्यों के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षाकर्मियों द्वारा जारी छिटपुट गोलीबारी के बावजूद नाराज युवाओं ने कई इलाकों में टायर जलाकर रखे है और बैरिकेड लगाए हैं ।
इनमें लेककी लिंक ब्रिज, इकोरोडू टाउनशिप और लागोस-इबरान एक्सप्रेसवे शामिल हैं। बोलीं तिनबू के स्वामित्व वाले टीवी कॉन्टिनेंटल स्टेशन पर भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की । हमारे उत्पीड़कों ने सामूहिक पीड़ा और नरसंहार की हवा बोई है । और अब उन्हे बड़े पैमाने पर क्रोध का बवंडर काटना हैं ।
कोर ने जोर देकर कहा, मेजर जनरल मुहमधू बुहारी (रि.टा.) के शासन ने सभी वैधता खो दी है और उन्हें सत्ता त्याग करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए । शोषित और दीन नाइजीरियाई जनता इस बुरे शासन से मुक्ति के हकदार हैं । हम अपनी संपूर्ण आजादी के लिए लड़ेंगे। जबकि सरकार व्यवस्था बहाल करने में सक्षम हुई है पर यह अस्थाई है । प्रतिरोध का जिन्न बोतल से बाहर है। अभी जो विद्रोह जोर पकड़ रहा है वह उथल-पुथल से भरा होने वाला है। लेकिन एकजुट और दृढ़ निश्चयी, जनता की जीत होगी।
शासन मुर्दाबाद!
एक और नाइजीरिया संभव है!
लेक्की शहीदों के लिए न्याय!
पुलिस क्रूरता के सभी पीड़ितों के लिए न्याय!
एकजुट लोगों को कभी नहीं हराया जा सकता!
बाबा आए ट्रेड यूनियन के नेता और क्रांति के लिए गठबंधन ( कोअलिशन फॉर रेवलूशन - कोर) के सह संयोजक हैं ।
यह लेख लेककी और अलौसा नरसंहार के तत्काल बाद जारी एक प्रेस बयान का विस्तारित संस्करण है ।