Labor

त्बिलिसी में ड्राइवरों ने सीखा है कि उनकी ताक़त काम रोक पाने की क्षमता में है

जॉर्जिया का विरोध अभियान, डिलीवरी ड्राइवरों के आत्म-संगठन की क्षमता दर्शाता है।
दुनिया भर में, श्रमिकों को कर्मचारियों के बजाय "स्वतंत्र ठेकेदारों" के रूप में वर्गीकृत करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। जॉर्जिया में, डिलीवरी ड्राइवर अब बाज़ी पलट रहे हैं। जब कि कर्मचारियों को क़ानून सम्मत हड़तालों के लिए जटिल कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है, ड्राइवरों के "स्वतंत्र ठेकेदार" की अवस्थिति उन्हें अनुमति देती है कि वे ऐप बंद करने भर से पूरी कंपनी का काम रोक दें - और इस तरह कम्पनी को भारी मुश्किल में डाल दें।

संपादकीय टिप्पणी: इस अनुच्छेद के लिखे जाने के पश्चात, जॉर्जिया का चल रहा राजनीतिक संकट एक नए शिखर पर पहुंच चुका है, जिस कारण जॉर्जिया ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को आकर्षित किया है जो लोकतंत्र पर मंडराते खतरों में दिलचस्पी रखता है। लेकिन यही अंतरराष्ट्रीय मीडिया, रोजमर्रा की आर्थिक चिंताओं व श्रमिक वर्ग के संघर्षों में रुचि दिखाने में अनेक बार विफल रहा है। इस आलेख के साथ, हम इस प्रवृत्ति का विरोध करते हुए, आपके लिए एक वास्तविक जमीनी ख़बर लाए हैं।

त्बिलिसी के एक मोहल्ले की एक सामान्य सी इमारत के बाहर दर्जनों डिलीवरी ड्राइवर इकट्ठा हो रहे हैं। कुछ अपनी मोटरसाइकिल पर बैठे हैं, कुछ इधर-उधर घूम रहे हैं, कुछ इमारत के सामने के दरवाज़े से अंदर घुसने के प्रयास में हैं – या फिर कुछ अन्य बिल्कुल नये डिलीवरी बैग के साथ , भीतर से निकल रहे हैं।

29 जनवरी का दिन है। इन पुरुषों में से अधिकांश – और वे मुख्य रूप से पुरुष ही हैं – जॉर्जियाई राजधानी में एक अंतरराष्ट्रीय ‘ऑन-डिमांड’ डिलीवरी कंपनी ‘ग्लोवो’ के लिए अपने काम के नियमों और शर्तों में हाल ही में किये गये नियमों व शर्तों के बदलाव का विरोध करने आए हैं।

लेकिन अन्य ,जो वैश्विक महामारी के चलते बेरोज़गारी से जूझ रहे हैं, हैं काम के लिए बेताब हैं – और ठीक इसी पर कंपनी की उम्मीद भी टिकी है। हालांकि, इन इच्छुक नए ड्राइवरों को यह नहीं बताया जाता है कि अगर वे ‘ग्लोवो’ के लिए साइन अप करते हैं, तो उन्हें वास्तव में किस चीज का सामना करना होगा: वस्तुतः वे तो कंपनी के कर्मचारी बनेंगे, लेकिन कार्य अथवा कार्यस्थल-सुरक्षा की गारंटी के बिना।

प्रदर्शनकारियों में से एक मोटरसाइकिल पर बैसाखी के सहारे एक झुका हुआ युवक है, जो मुझे बताता है कि डिलिवरी के लिये जाते समय उसी सुबह उसके साथ एक दुर्घटना हुई। वह कहता है कि वह बारिश में एक डिलीवरी के लिए जा रहा था, – एक मोड़ के दौरान उसका वाहन फिसल गया और एक खंभे से जा टकराया। “यदि आप जल्दी नहीं करते हैं, तो आपको बोनस नहीं मिल पायेगा ,” उसने कहा।

उसी सप्ताह उस ड्राइवर ने ग्लोवो से अपने हादसे के बारे में संपर्क किया, परंतु उसे कंपनी से सिर्फ एक घिसा-पिटा ईमेल प्राप्त हुआ। कंपनी ने कहा कि उनका बीमा मोटर वाहनों द्वारा तीसरे पक्ष को हुए नुकसान पर लागू नहीं होता – इसे स्वतंत्र रूप से प्राप्त किये हुए बीमा द्वारा आच्छादित रखना चाहिए। वह युवक अब पूरा बिल खुद चुका रहा है; उसे और उसके वाहन को लगी चोटों के चलते उसका काम कर पाना अब मुश्किल है।

ड्राइवर ने कहा, “आप परिवार के लिए, अच्छा वेतन पाने के लिए, अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे होते हैं।”

सब कुछ या कुछ नहीं

स्कूटर पर चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्लोवो के पीले झोले त्बिलिसी शहर परिदृश्य का कभी से एक हिस्सा बन चुके हैं, जहां कंपनी, जिसका मुख्यालय स्पेन में है, और जहां से वह पूरे यूरोप में अपने काम का संचालन करती है,तीन साल से सक्रिय है।

लेकिन स्पैनिश कंपनी के झोलों ने COVID-19 महामारी के दौरान एक नया अर्थ प्राप्त कर लिया है, जब से वे शहर में भोजन और दवा की डिलीवरी के लिए आवश्यक हो गए हैं। जॉर्जिया में हर जगह नौकरियों को ख़त्म किया जा रहा है, और ज्यादातर दुकानें लॉकडाउन के कारण बंद हो गई हैं, इसके चलते ग्लोवो की सेवाओं और नौकरियों दोनों की मांग बढ़ रही है।

ग्लोवो खुद को पैसा कमाने के एक लचीले तरीके के रूप में विज्ञापित करता है: कूरियर के पास स्वतंत्रता, और बड़ी तनख्वाह, होती है। जैसा कि एक संतुष्ट कार्यकर्ता ने अगस्त में मुझसे कहा: "हमारे पास काम करने की शर्तें नहीं हैं, परन्तु हमारे पास ऐप है, पहुँच है; और ग्लोवो एक बिचौलिया कंपनी है, ऑर्डर हम डिलीवर करते हैं।"

ग्लोवो ऐप्लिकेशन (ऐप) कंपनी के साथ संचार का प्राथमिक माध्यम है, और कूरियर के काम का रिकॉर्ड रखता है। पूरा कंपनी मॉडल काम शुरू करना आसान बनाने पर निर्मित है : ऐप डाउनलोड करें, प्रशिक्षण सत्र में जायें, ब्रांडेड उपकरण प्राप्त करें और शुरू हो जायें। ड्राइवर स्वयं अपने कार्य अनुसूची के "प्रभारी" हैं।

लेकिन व्यवसाय व्यवस्था के दो पहलू इसके विपरीत सुझाव देते हैं, और यह भी कि कंपनी का प्रोत्साहन-आधारित मॉडल उनके हितों के विपरीत काम करता है जो कम घंटे काम करना चाहते हैं। दरअसल, ग्लोवो द्वारा डिज़ाइन की गई प्रोत्साहन प्रणाली "सब कुछ या कुछ नहीं" की तर्ज पर संचालित होती है।

सबसे पहले, ड्राइवरों के लिए ग्लोवो की रेटिंग प्रणाली, जो काम अनुसूची हासिल करने और इसलिये शिफ़्ट पकड़ने के लिए आवश्यक है । यह प्रणाली कई आधार पर ड्राइवरों को रेट करती है: उच्च-मांग वाले घंटों में काम करने की उनकी क्षमता (ड्राइवर के स्कोर का 35%), उनके द्वारा पूरा किए गए ऑर्डरों की कुल राशि और सबसे तेज ग्लोवो कूरियर के सापेक्ष उनकी प्रति घंटे औसत डिलीवरी संख्या (10%)। ड्राइवरों के शेष अंक ज्यादातर ग्राहक रेटिंग और ऑर्डर इतिहास के संयोजन से आते हैं।

दूसरा,और सबसे महत्वपूर्ण है, ग्लोवो की बोनस प्रणाली। ड्राइवर किसी एक सप्ताह में कितने ऑर्डर पूरे करता है, उसके अनुसार बोनस प्राप्त करते हैं – और ये लक्षित बोनस ही वे उच्च वेतन बनाते हैं जिसका ग्लोवो अपने विज्ञापनों में दावा करता है।

औसतन, एक ड्राइवर प्रति आर्डर तीन लारी (₹65) बनाता है – और जैसा कि उन ड्राइवरों ने बताया जिनसे मैंने बात की, वे प्रति घंटे डेढ़ ऑर्डर पूरा कर पाते हैं, जो उन्हें लगभग 4.5 लारी (₹98) प्रति घंटे की दर देता है, इसमें से वह लागत घटानी होगी जिसके लिये ड्राइवर ही पूरी तरह से ज़िम्मेदार हैं (ईंधन, परिवहन रखरखाव,व बीमा )।

यदि कोई सप्ताह में 20 घंटे काम करना चाहता है, तो इसका मतलब, यदि तकनीकी या अन्य समस्यायें नहीं आईं तो, 30 ऑरडरों की डेलीवेरी ।

क्योंकि पहले बोनस का भुगतान (100 लारी, या ₹2187) 120 डिलीवरी के बाद होता है, एक ड्राइवर, जो सप्ताह में 20 घंटे काम करता है, इन अतिरिक्त भुगतानों के लिए पात्र नहीं होगा। उनकी बिना लागत जोड़े आय एक सप्ताह में लगभग 90 लारी (₹1968) होगी, जो प्रति माह 360 लारी (₹7875) होती है। ऐसा तब सम्भव है यदि उस शिफ़्ट को हासिल करने के लिए ड्राइवर की रेटिंग पर्याप्त रूप से ऊँची रखी गयी हो जहां प्रति घंटे डिलीवरी की अधिक संख्या संभव हो, यदि पिक-अप स्थानों पर प्रतीक्षा समय कम रखा गया हो,और ग्लोवो एप्लिकेशन या ग्राहक के साथ कोई समस्या न हो।

जहां तक प्रश्न बीमा का है, अधिकांश ग्लोवो सेवा-अनुबंध की तरह ही, सारी ज़िम्मेदारी कूरियर को जाती है जबकि सारा मुनाफ़ा कंपनी को। ड्राइवरों को खुद का वाहन, खुद का ईंधन, खुद के उपकरण, व खुद का बीमा खरीदना होता है।

इस बीच, कंपनी अपने प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से खाद्य अथवा खुदरा आपूर्तिकर्ताओं से 30% से अधिक शुल्क लेती है, और ग्राहकों से प्रत्येक ऑर्डर पर शुल्क या फिर मासिक सदस्यता शुल्क लेती है। यदि ग्राहक न्यूनतम राशि से कम का ऑर्डर दे तो कंपनी अलग से शुल्क लेती है, और सभी "साझेदारों" (कूरियर और फूड प्रोवाइडर) से मोबाइल एप्लिकेशन शुल्क लिया जाता है।

यह भी लगता है कि ग्लोवो जॉर्जिया में कूरियर के काम से संबंधित किसी भी कर का भुगतान नहीं करती है: कूरियर को स्वतंत्र ठेकेदारों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है,और कूरियर को खुद देश में 1% आयकर का भुगतान करना होता है।

आधिकारिक फाइलिंग के अनुसार, कंपनी ने बताया कि उसने 2018 और 2019 में नुक़सान के चलते मुनाफे पर कोई कर नहीं चुकाया है ।

यह स्थिति तब है जब, कंपनी की सीमित ओवरहेड लागत को भी अधिकांशतः ड्राइवरों द्वारा ही वहन किया जाता है। यह सुविधाजनक स्थिति किसी भी व्यावसायिक मानदंड के लिये ईर्ष्या का सबब है – और वैश्विक महामारी ने इसके अस्तित्व को अपरिहार्य बना दिया है, जिसके चलते राजस्व में और भी वृद्धि हुई है।

"हम उन सभी देशों के सभी कानूनों और विनियमों का अनुपालन करते हैं, जिनमें हम काम करते हैं," ग्लोवो ने कहा। "यदि कानून द्वारा अपेक्षित हो, हम 2019 और 2020 दोनों में कर भुगतान की सटीक राशि को साझा कर सकते हैं।"

चिंगारी

बोनस प्रणाली में बदलावों के ख़िलाफ़ – जो स्पष्ट रूप से ख़तरनाक गति पर सप्ताह में 80-घंटे काम करने को प्रोत्साहित करती है और कर्मचारियों के रूप में मान्यता नहीं होने की सच्चाई की प्रतिक्रिया में ग्लोवो के श्रमिकों ने संगठित होने का निर्णय लिया।

प्रारंभिक आक्रोश पिछले अगस्त से शुरू हुआ, जब ग्लोवो ने बोनस दरों में संशोधन करते हुए 130 डिलीवरी प्रति सप्ताह के लिये 250 लारी (₹5470) बोनस की जगह 180 डिलीवरी प्रति सप्ताह के लिए 350 लारी (₹7656) के बोनस की घोषणा की और 120 डिलीवरी को 100 लारी (₹2187) बोनस के लिये निर्धारित कर दिया ।

ड्राइवरों ने मुझे बताया कि 120 डिलीवरी तक पहुंचने के लिए सप्ताह में 80 घंटे लगेंगे। यदि वे अपना काम प्रति घंटे औसत दो तक बढ़ाने में कामयाब रहे, तो भी उन्हें 100 लारी का बोनस वेतन प्राप्त करने के लिए सप्ताह में 60 घंटे काम करने की आवश्यकता होगी। 180 ऑर्डरों के लिए – जो 350 लारी की अतिरिक्त आय देगी – उन्हें प्रति घंटे दो ऑर्डर प्रति घंटे की गति पर न्यूनतम 90 घंटे काम करने की आवश्यकता होगी। जॉर्जिया में, ग्लोवो 12 घंटे से अधिक के शिफ़्ट की अनुमति नहीं देता , इसलिए ड्राइवरों को 84 घंटों में ही 180 डिलीवरी पूरी करनी होंगी, जिसका मतलब है कि वे दिन में 12 घंटे, सप्ताह में 7 दिन काम करते रहें।

ड्राइवरों ने विरोध किया, लेकिन निजी तौर पर, मीडिया और कार्यकर्ताओं की दृष्टि से दूर । ("मुझे लगता है जैसे मैं किसी जहाज़ पर ग़ुलाम हूँ" एक ड्राइवर ने उस समय मुझसे कहा था।)। इन विरोधों के जवाब में, प्रबंधन ने ड्राइवरों से कहा: यदि आप को काम पसंद नहीं , तो छोड़ दें। कूरियर्स का दावा है कि कंपनी ने बाद में सैकड़ों नए ड्राइवरों को काम पर रख लिया।

फिर, जनवरी में, कंपनी ने किलोमीटर के लिए भुगतान दर को घटाकर 0.40 से 0.30 लारी कर दिया। यह अगस्त में बोनस दर परिवर्तन प्रभावी होने के बाद आया, मगर रेस्टोरेंट में प्रतीक्षा समय को कम करने जैसे बदलावों के लिये – जिनसे कूरियर की स्थिति में काफी सुधार हो सकता था – पहले वायदे किये गए, और फिर भुला दिये गये।

जवाब में,"ब्लाक" हो जाने – जब कूरियर ग्लोवो एप्लिकेशन से "लॉक आउट' कर दिये जाते हैं जिसके चलते वे काम करने में असमर्थ हो जाते हैं – के डर के बावजूद अधिक से अधिक कूरियर विरोध में शामिल होते गए, हॉर्न मारते हुए, लगातार अपनी बढ़ती संख्या को बढ़ाते हुए। "वे हमें ज़िंदा डुबो दे रहे हैं," एक ड्राइवर ने कहा।

त्बिलिसी के अधिकांश हिस्सों में, कुछ गिने चुने क्षेत्रों को छोड़ कर ,कूरियर कहते हैं कि 84 घंटे काम करने पर भी उन्हें बोनस मिलना असंभव है – क्योंकि पूरा करने के लिए पर्याप्त आर्डर ही नहीं हैं। शहर के उन क्षेत्रों में जहां ऑर्डर की मात्रा अधिक है, उन्हें अक्सर अपने आप को शारीरिक रूप से झोंक देना होता है, ट्रैफिक दुर्घटनाओं का ख़तरा मोल लेते हुए: यदि आप को बोनस कमाना है तो हर क्षण मायने रखता है।

ग्लोवो के कूरियर इसलिए अपने आप को सड़कों पर हमेशा बेसहारा छोड़ दिया गया पाते हैं, किसी भी दुर्घटना में उन्हें हमेशा हर क़ीमत पर बैग की हिफ़ाज़त करनी होती है। उन्हें कंपनी से सुसंगत तौर से कोई मदद नहीं मिलती जब भी ऐप या ग्राहकों के साथ उन्हें कोई मुश्किल आती है। अक्सर ड्राइवरों को रेस्टोरेंट के बाहर डिलीवरी का इंतज़ार करना पड़ता है, हर थोड़ी-थोड़ी देर में देखते हुए कि उनका आर्डर तैयार हुआ कि नहीं। इस दौरान उन्हें यह भी अधिकार नहीं होता कि वे अंदर इंतज़ार करें या बाथरूम का प्रयोग करें। ड्राइवर इसलिए महसूस करते हैं कि उनकी रोज़-रोज़ की मुश्किलों की कोई सुनवाई नहीं होती, और उनकी मुसीबतें छिप जाती हैं।

"पिछला साल सबसे चुनौतीपूर्ण सालों में से एक रहा है," ग्लोवो ने ओपन डेमोक्रेसी को बताया- "महामारी के चरम की अवधि में ,ऑर्डर्स में अचानक उछाल के कारण हमें अपनी लाइव सहायता टीम को ले कर कई समस्याएं आइ। उस दौरान, हमारे पास मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं थे। आज, उस मुद्दे को हल कर लिया गया है।”

ड्राइवरों के लिए – हालांकि वे "स्वतंत्र उद्यमी" माने जाते हैं – ग्लोवो वह कंपनी है जिसके लिए वे काम करते हैं; ग्लोवो ऐप कंपनी के हाथों में है, और यह लगातार कंपनी के पक्ष में काम करता है। जनवरी की रैली में, कई ड्राइवरों ने शिकायत की कि दूरी-मीटर को ले कर उनकी रोज़मर्रा की समस्याएं थीं।

कूरियर, विशेषकर अनुभवी , त्बिलिसी को अच्छी तरह से जानते हैं। कुछ ने कहा कि उन्होंने गूगल मैप्स के सापेक्ष अपने ग्लोवो ऐप पर यात्रा की गई दूरी की तुलना की, और दावा किया कि ग्लोवो ऐप – जिसके लिए उन्हें पैसे देने होते हैं – उन्हें कम दूरी दिखा कर धोखा दे रहा है। चूँकि उनके प्रति ऑर्डर मिलने वाले वेतन का बड़ा हिस्सा यात्रा किए गए किलोमीटर से आता है, वे इन रोज़ की ग़लतियों का नुक़सान नहीं सह सकते।

ग्लोवो ने कहा कि 2020 में भुगतान-सम्बंधित परिवर्तन "कम और लंबी दूरी की डिलीवरी के बीच मौजूद असंतुलन को दूर करने के लिए किया गया था ," लेकिन "(स्वीकार किया) कि ऐप संरचना में कभी-कभी गूगल मानचित्र के साथ संयोजन में समस्याएं आ जाती हैं, विशेष रूप से जहां पते ठीक से अपडेट नहीं किए गए हों। इसे दूर करने के लिए, एक पे आउट संरचना की व्यवस्था की गयी है, जो दूरी की गणना में आने वाले छोटे-मोटे मुद्दों की भरपाई कर सके। परिणामस्वरूप, हमारी दूरी का भुगतान बाजार में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी है।”

यह बस शुरुआत है

कूरियर और ग्लोवो दोनों को पता है कि ग्लोवर्स – जैसा ड्राइवर अपने आप को बुलाते हैं – काम रोक कर कंपनी पर कहर बरसाने की क्षमता रखते हैं।

स्वतंत्र ठेकेदारों के रूप में ड्राइवरों की आधिकारिक स्थिति ग्लोवो ऐप को बंद करने भर से काम रोक देने जितना आसान बना देती है, जबकि कर्मचारियों को जार्जिया में किसी भी प्रकार की हड़ताल कार्यवाही के लिए कहीं ज़्यादा लम्बी और जटिल कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है। न्यायपूर्ण और सम्माजनक काम हासिल करने के लिए अभी कई मंज़िलें पार करनी होंगी, लेकिन शायद जॉर्जिया में कूरियरों ने इन दोनो के लिये ही स्थानीय स्तर पर संघर्ष की शुरुआत की हैं – क्या पता भविष्य में यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तारित हो सके ।

कर्मचारियों के अनुसार,, जिनसे मैंने बात की, जॉर्जिया में ग्लोवो का स्थानीय प्रबंधन अक्सर नियम और शर्तों में एकतरफा बदलाव को जायज़ ठहराता है, और जब कोरियर बेहतर कार्यदशाओं की मांग करते हैं, इसका फ़ायदा उठाते हुए कि वह एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है, टालमटोल और विलम्ब करता है। ड्राइवरों ने कहा कि त्बिलिसी में प्रबंधन को पहले "बार्सिलोना को कॉल" करना पड़ता है, किसी भी मांग पर सहमत होने से पहले।

एक कूरियर ने मुझे बताया कि स्थानीय प्रबंधन द्वारा शिकायतों के समाधान के लिए कंपनी के स्पेनिश मुख्यालय से संपर्क की बात करने के महीनों बाद, उसने और अन्य कूरियरों ने स्पेन में ग्लोवो कूरियरों की स्थिति की जानकारी लेने का फैसला किया। उन्होंने पाया कि स्पेनिश ड्राइवर 8 घंटे की शिफ्ट में काम करते हैं (जॉर्जिया में 12 के विपरीत) और प्रति घंटा गारंटीकृत भुगतानभी पाते हैं, भले ही कोई ऑर्डर नहीं मिला हो। यह काफी हद तक स्पेनिश ड्राइवरों द्वारा लड़े गए एक प्रतिरोध और कानूनी अभियान का परिणाम है।

10 फरवरी को, ग्लोवो ने कुछ मांगों को पूरा किया, जैसे कि किलोमीटर मुआवजा दर को 0.40 लारी पर वापस लाना, और "बंडल" वेतन में 50% की वृद्धि करना। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह रेस्टोरेंट में प्रतीक्षा समय को कम करने पर गौर करेगी। ग्लोवो ने एक बयान में हड़तालों को "पछतावा करने योग्य" बताया, और कहा कि उन्होंने "हमेशा अपने कूरियर समुदाय के साथ खुला संवाद बनाए रखा" है। कंपनी ने ईमेल के माध्यम से कहा, "[कूरियरों के ] अनुरोधों पर विचार करने के बाद, हम दोनों पक्षों को संतुष्ट करने वाले नए टैरिफ पर एक समझौते पर पहुंच चुके हैं।"

जॉर्जिया की ‘गिग इकॉनमी’ की यह पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया – एक ऐसे आर्थिक परिदृश्य में,जो सम्मानजनक काम अथवा अवसर से अधिकांशतः वंचित है, और वैश्विक महामारी से बुरी तरह से प्रभावित है – इसे एक अनुस्मारक के रूप में लिया जाना चाहिए: वैश्विक आर्थिक "परिधि" के अंदर भी, लोग सम्मानजनक और बेहतर काम और वेतन के हक़दार हैं।

सौपीको जापारिद्ज़े, जॉर्जिया में सदस्य-संचालित श्रम अधिकार समूह, ‘सॉलिडैरिटी नेटवर्क वर्कर्स सेंटर’ की सह-संस्थापक हैं। वह 12 साल से श्रमिक और सामुदायिक आयोजक हैं।

तस्वीर: सौपीको जापारिद्ज़े

Available in
EnglishSpanishHindiItalian (Standard)FrenchGermanPortuguese (Portugal)
Author
Sopiko Japaridze
Translators
Vinod Kumar Singh and Aditya Tiwari
Date
10.03.2021
Source
openDemocracyOriginal article🔗
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