10 फरवरी को साउ पाउलो म्युनिसिपल शिक्षा व्यवस्था के शिक्षक हड़ताल पर चले गए। मैं आंदोलन में 15 को, जिस दिन कक्षाओं को भौतिक रूप से फिर से शुरू होना था, अपने स्कूल के और सारे शिक्षकों के साथ शामिल हुई जिन्हें भौतिक रूप से काम करने के लिए वापस बुलाया गया था। यह निर्णय लेना, जिसे हम सब ने सामूहिक रूप से लिया, आसान नहीं था। निश्चित रूप से हम अपने छात्रों की शिक्षा पर पूरा ध्यान देना चाहते थे और उन्हें आमने-सामने देखना भी चाहते थे। मगर इसी के साथ उनके और उनके परिवारों के जीवन की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना हमारा दायित्व था। लगातार गहराते पेंडेमिक के बीच में, जबकि मौतों की संख्या बढ़ती ही जा रही हो, स्कूल वापस जाना, बिल्कुल ग़ैर जिम्मेदारी का काम है।
म्युनिसिपल शिक्षा सचिव (SME) द्वारा जारी 'बैक टू स्कूल' प्रोटोकॉल लागू कर पाना, स्कूलों की वर्तमान हालत को देखते हुए, असम्भव है। उस स्कूल इकाई में, जहां मैं पढ़ाती हूँ, अधिसंरचना की समस्यायें लंबे समय से लंबित हैं। पेंडेमिक के साथ कक्षा गतिविधियों को फिर से शुरू कर पाने में ये ठोस-कठिन बाधाएं हैं : कक्षाओं में हवा के आवागमन की खतरनाक स्थिति ; आच्छादित खुले स्थानों की कमी; केवल भोजन व्यवस्था के लिये प्रयुक्त होने वाले स्थान का अभाव; डिजिटल कक्षाओं को चला सकने के लिए विद्युत संयोजन और उपकरणों की बेहद खराब हालत; सारे छात्रों के उपयोग के लिए केवल दो बाथरूमों की उपलब्धि; और प्रोटोकॉल द्वारा वांक्षित डिजिटल शिक्षण लैब (LED) और अध्ययन कक्षाओं (SL) की जगहों की फेंसिंग।
स्टाफ,जो पिछले सालों में लगातार कम होता गया है, साफ-सफाई और सुरक्षा की आधारभूत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नितान्त अपर्याप्त है। दो शिफ्टों के दौरान, पूरे स्कूल के लिए केवल तीन सफाई कर्मचारी हैं। कभी-कभी सारी कक्षाओं, कॉरिडोर, कोर्टयार्ड, बाथरूम, किचन, प्रशासनिक कक्ष, और कोर्ट कक्षों की एसएमई प्रोटोकॉल में साफ-सफाई के वांक्षित उच्चीकृत मानकों और उनकी बढ़ी हुई आवृत्तियों के अनुरूप सफाई के लिए उनमें से केवल एक ही उपलब्ध हो पता है। इसके अतिरिक्त, तकनीकी शिक्षा सहायक (ATE), जो छात्रों के सुपरविजन में सहायता करते हैं, कक्षाओं को व्यवस्थित कर पाने, कॉमन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करा पाने और स्वच्छता उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करा पाने के लिए पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इसी के साथ, स्कूल आने-जाने के लिए अधिकतर सार्वजनिक परिवहन का उपयोग होता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
यह स्थिति छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों, और परिवार के सदस्यों - किसी के लिये भी सुरक्षित नहीं है। आमने-सामने कक्षाओं के लिए स्कूलों को खोले जाने का अर्थ शहर में 30% ज़्यादा लोगों का परिचालन होगा। वायरस के बिगड़ते जा रहे प्रसार की खबरें लगातार आ रही हैं। स्कूलों के खुलने के बाद संक्रमण फैलने और ऐसे मामलों के बढ़ने की खबरें मीडिया में रोज आ रही हैं। यूरोप में, सरकारों ने भौतिक रूप से स्कूलों में वापसी को स्थगित रखने का फ़ैसला लिया है। रोज स्कूल जाने का मतलब पेंडेमिक की स्थिति को और भी भयावह बनाने में योगदान करना है। मेरे स्कूल में, एक शिक्षक, जो हड़ताल में नहीं शामिल हुआ था, काम पर लौटने के पाँच दिन के बाद कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया।
इन स्थितियों को देखते हुए, विशेषकर स्कूल वापस जाने और टेली शिक्षा जारी रखने के बीच कोई विकल्प नहीं होने के चलते, शिक्षकों ने प्रतिरोध के लिए एकजुट होने का निर्णय किया। यह हड़ताल अन्य तमाम हड़तालों से अलग है। हम वेतन और बेहतर सेवा शर्तों के लिए नहीं लड़ रहे हैं, भले ही ये माँगे कितनी भी न्यायसंगत क्यों न हों। इस बार हम जीवन की रक्षा कर रहे हैं। पेंडेमिक और काबू से बाहर हो चुकी स्थिति का सामना करते हुए, जो मौतों की रोकथाम करने के लिए उपयुक्त और पर्याप्त उपाय कर पाने में सरकारी अधिकारियों की अक्षमता के चलते और भी भयावह हुई, हम प्रतिरोध करते हैं। हम अपने छात्रों को वापस स्कूल में चाहते हैं, मगर पूरी तरह से सुरक्षित और शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण में। हम चाहते हैं कि एसएमई द्वारा प्रोटोकॉल अनुपालन के लिए आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाये। हम बेहतर कार्य दशाओं के लिए लड़ेंगे, जिनमे शिक्षा पेशेवर, सहयोगी स्टाफ और वैक्सीन लगाए जाने के लिए प्राथमिकता समूह में आउटसोर्स कर्मियों की यथेष्ट उपलब्धि शामिल है। हम सरकार से माँग करते है कि पेंडेमिक मामलों के लिए, जिनका होना निश्चित है, "जांच-और-खोज" (test-and-trace) नीति लागू की जाए। हम चाहते है कि आंकड़ों को जारी करने में पूरी पारदर्शिता बरती जाए, और स्कूल यूनिटों में संक्रमण की रोकथाम के समुचित उपाय किए जाएँ।
भौतिक कक्षाएं मार्च 2020 से स्थगित कर दी गई थीं। तभी से शिक्षक छात्रों को पढ़ाना जारी रखने के लिए टेली वर्किंग कर रहे हैं। इसके लिए नए संसाधनों और तकनीकी का इस्तेमाल करना, नगर प्रशासन सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए डिजिटल प्लेटफ़ार्मों पर शिक्षण सामग्री को संयोजित करना, और किसी भी समय छात्रों की समस्याओं का समाधान करते हुए उनका सहयोग करना सीखना आवश्यक था जिससे वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। यह हम सब के लिए कोई आसान बात नहीं थी। हमें अपने-आप को नए सिरे से तैयार कर के प्रत्येक छात्र के साथ निकट संपर्क में बने रहने के नए रास्ते खोजने थे। दूरस्थ शिक्षा, पेंडेमिक की शुरुआत से ही जिसका चलन बढ़ रहा है, वर्तमान समय के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है। हम सरकारी अधिकारियों और निजी संस्थानों के राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसी के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते।
2021 में स्कूल वर्ष की शुरुआत बिल्कुल अलग होगी। मैं हर दिन उन स्नेह-सम्मान भरे संदेशों, जो मुझे अपने छात्रों से मिलते हैं, उनकी अभ्यास की कठिनाइयों, तकनीकी सीमाओं, और उनके रोज के जीवन में स्कूल और दोस्तों के अभाव के बारे में सोचती हूँ। जब भी मैं अपने छात्रों की कठिनाइयों को देखती हूँ जिनका वे सामना कर रहे हैं, या फिर उन मांओं के टेस्टिमोनियल देखती हूँ जो नहीं जानती कि वे अपने बच्चों की उनके होमवर्क में कैसे मदद करें, मेरा दिल बैठने लगता है। निजी और सार्वजनिक शिक्षा की असमानता को देख कर मैं आक्रोश-विद्रोह से भर उठती हूँ। मैं हताश हो जाती हूँ जब मैं शिक्षा सचिव के अधूरे वादों के बारे में सुनती हूँ। बिल्कुल, मैं स्कूल वापस जाना चाहती हूँ, वह जगह जिसे मैंने खुद काम करने के लिए चुना था। लेकिन अभी नहीं। तब तक नहीं, जब तक ब्राजील और दुनिया भर में हज़ारों लोग कोरोना वायरस के चलते मर रहे हैं। तब तक नहीं, जब तक कि हमारे सरकारी अधिकारी आबादी की सुरक्षा की गारंटी के लिए हर जरूरी उपाय नहीं करते। तब तक नहीं, जब तक कि वैक्सीन हर किसी के लिए उपलब्ध नहीं हो जाती।
Photo: Outras Palavras