संपादकीय टिप्पणी : यह आलेख वायर पार्टनर ब्राज़िल वायर द्वारा मूलतः प्रकाशित आर्टिकल का सम्पादित संस्करण है। लावा जातो मामले में ताज़ा प्रगति का परिप्रेक्ष्य देने की दृष्टि से इसे सम्पादित किया गया है। आप ऑपरेशन लावा जातो पर ब्राज़िल वायर के आर्टिकल यहाँ देख सकते हैं।
लॉरा टेस्सलर : " मैं आज जश्न मानने जा रहा हूँ।"
डेल्टन डालंगोल : "सीआइए की ओर से एक तोहफ़ा।"
हाल ही में लीक हुई बात-चीत के उद्धरण, अप्रैल 2018 में भूतपूर्व राष्ट्रपति की उस गिरफ़्तारी और जेल के संदर्भ में हैं जिसने देश के इतिहास की दिशा बदल दी। इसने चरम दक्षिणपंथी उम्मीदवार जेर बोल्सोनारो के लिये दरवाज़े खोल दिये जो अमेरिका और ताक़तवर कारपोरेट लॉबी के समर्थन-सहयोग से सत्ता में आया।
हालाँकि भ्रष्टाचार-विरोधी जाँच के रूप में प्रचारित किये गये ऑपरेशन लावा जातो में अमेरिकी संलिप्तता पिछले कुछ समय से सार्वजनिक जानकारी में थी, मगर टेस्सलर और डालंगोल जैसे इसके अभियोजकों और जज़ सर्जियो मोरो के बीच लीक हुई बात-चीतों से इतनी गहरी साँठ-गाँठ का खुलासा हुआ कि बेहद उत्सुक प्रेक्षक भी स्तब्ध रह गये।
भूतपूर्व राष्ट्रपति लूला के बचाव पक्ष द्वारा फ़ेडरल सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ऐसे नये दस्तावेज़ प्रस्तुत किये गये हैं जिनसे पता चलता है कि पूर्व जज़ सर्जियो मोरो की विदेशी प्राधिकारियों के साथ उस पूरी प्रक्रिया में मिली भगत थी जिसके चलते वर्कर्स पार्टी के नेता की गिरफ़्तारी हुई और आगे चल कर 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में भागीदारी से उसे वंचित कर दिया गया।
हाल ही में लीक हुई टेलीग्राम एप पर हुई बातचीत से, जो अब आधिकारिक रूप से कोर्ट के दस्तावेज़ हैं, लावा जातो टास्क फ़ोर्स और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित-प्रशंसित जज़ के बीच जिस स्तर की नंगी-निकृष्ट अवैधानिक मिली भगत सामने आयी है, वह लूला के बचाव की दृष्टि से 2019 में इंटरसेप्ट द्वारा प्रकाशित बातचीत से भी कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
बातचीत के बिल्कुल ताज़ा लीक हुए अंशों का परिणाम लूला के ख़िलाफ़ राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित मामले के निरस्त होने तक जा सकता है।
पूर्व जज़ सर्जियो मोरो और लावा जातो टास्क फ़ोर्स के प्रमुख डेल्टन डालंगल पर उनकी संयुक्त राज्य अमेरिका के प्राधिकारियों के साथ “अवैधानिक मिली भगत” के लिये " राजद्रोह" का आरोप लगाया गया है। 2017 में यूएस अटार्नी जनरल केनेथ ब्लांको ने अटलांटिक काउंसिल के एक अवसर पर लूला मामले में ब्राज़ीली अभियोजकों के साथ अपनी सक्सेस स्टोरी के रूप में अनौपचारिक (अवैधानिक) गठजोड़ का बखान किया। 2019 में अमेरिका के न्याय विभाग ने लावा जातो टास्क फ़ोर्स को $682 मिलियन डालर घूस देने की कोशिश की जो ज़ाहिर तौर पर उन्हें "भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये एक प्राइवेट फ़ाउंडेशन" बनाने के नाम पर दी जा रही थी।
5 अप्रैल, 2018, जिस दिन मोरो द्वारा लूला की गिरफ़्तारी की गयी, अभियोजक इसाबेल ग्रोबा ने यह ख़बर आगे बढ़ाई की "मोरो ने लूला की गिरफ़्तारी का आदेश दिया" और डेल्टन डालंगोल ने जवाब दिया "एमए (मंत्री मार्को ऑरेलियो) के सामने सारे नट-बोल्ट कस दिये गये हैं"। डालंगोल, ऑरेलियो द्वारा सुप्रीम कोर्ट वोट की उस तैयारी को संदर्भित कर रहा था जिसमें लूला जैसे बचाव पक्षों की उनकी दूसरी अपील के अनिर्णीत रहने तक जेल से रिहाई हो सकती थी।
अगर यह पारित हो गया होता, इससे लूला को 2018 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की पात्रता मिल जाती। उस समय के मतदाता रुझान के नतीजे लूला को अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, अमेरिका समर्थित उम्मीदवार जेर बोल्सोनोरो से बीस अंक आगे दिखा रहे थे।
सत्ता में आने के बाद, जेर बोल्सोनोरो और सर्जियो मोरो ने — जो बोल्सोनोरो के न्याय मंत्री के रूप में नियुक्त हुआ था — वॉल स्ट्रीट के आशीर्वाद के साथ लांग्ले में सीआइए मुख्यालय का अप्रत्याशित दौरा किया।
एफबीआइ ने भी चुनाव बाद ब्राज़ील में अपनी पहुँच ज़बर्दस्त बढ़ा दी, जो लावा जातो टास्क फ़ोर्स के साथ उसके मुख्य सम्पर्क (liaison) के ज़रिये शुरू से ही प्रत्यक्ष, क़ानूनी, ग़ैर-क़ानूनी हर तरह की मिली-भगत में था। अब एफबीआइ की अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार यूनिट का प्रमुख लेस्लिए बैकशिए बखान कर रहा था कि इसने "ब्राज़िल में राष्ट्र्पतियों को गिराया(toppled) है"।
ब्राज़ीली और अमेरिकी प्राधिकारियों के बीच सहयोग, जिसमें एनक्रिप्टेड फ़ाइलों को खोलने में एफबीआइ हैकर्स का इस्तेमाल शामिल है, पूर्व राष्ट्रपति की गिरफ़्तारी से बहुत पहले ही स्पष्ट हो चुका था। 31अगस्त 2016 से ही, जब दिल्मा रूसफ़ अपने विरुद्ध महाभियोग के अंतिम चरण का सामना कर रही थी, आ रहे संदेश इसकी पूरी पुष्टि करते हैं।
ब्राज़ील में एफबीआइ द्वारा हैकर्स का इस्तेमाल 2012 तक पहुँचता है जब उन्होंने 'एनानिमस' (Anonymous) के एक ग्रुप को ब्राज़ीली सरकार और कारपोरेट संस्थानों के ऑनलाइन इंफ़्रास्ट्रक्चर पर, "भ्रष्टाचार" के ख़िलाफ़ एक बनावटी विरोध प्रदर्शन में हमला करने के लिये प्रोत्साहित किया। सर्जियो ब्रूनो ने खुलासा किया : "जानो (प्राजीक्यूटर जनरल) यूएस दूतावास के लोगो के साथ था और लगता है उसने इस पर ग़ैर-क़ानूनी साधनों से फ़ाइलों में घुसने), बिना इसके विस्तार में गये हुए, टिप्पणी की थी।" उसी दिन, ब्राज़ीली अटार्नी राबर्सन पोज़ोबो भी टास्क फ़ोर्स के एफबीआइ हैकर्स के साथ सहयोग की बात करता है: "हमने यह देखने के लिये कहा कि एफबीआइ के पास 'ब्रेक' कर सकने (एनक्रिप्टेड फ़ाइलों के अंदर घुसने) की विशेषज्ञता है अथवा नहीं।"
अगले साल जानो ने निवेश सम्मेलनों (events) में ऑपरेशन लावा जातो के वैश्विक प्रचार के लिये अमेरिका और दावोस में वर्ल्ड एकोनमिक फ़ोरम की यात्रा कर के अब पूरी तरह बदनाम हो चुके इस तथाकथित भ्रष्टाचार-विरोधी ऑपरेशन को "प्रो-मार्केट" कदम के रूप में प्रस्तुत किया। यह एक राजनीतिक 'पोज़ीशन' थी जिसे लेने का उसके लिये कोई औचित्य नहीं था। लीक हुई बातचीतों से स्विस और स्वीडिश प्राधिकारियों का भी सहयोग सामने आता है।
हाल ही की एक घोषणा में कहा गया है लावा जातो या अंग्रेज़ी भाषी मीडिया में प्रचारित कारवाश को, ब्राज़ील की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त और जनतंत्र की आत्मा को नष्ट कर चुकने के बाद, इसी साल पूरी तरह बंद कर दिया जायेगा।