संपादक: हम भारत में किसानों के आंदोलन के साथ अमेरिकी किसानों और कार्यकर्ताओं की एकजुटता के बयान को पुनः प्रकाशित कर रहे हैं। हस्ताक्षरकर्ताओं की पूरी सूची सहित मूल वक्तव्य , यहां पाया जा सकता है। आप हमारे वायर फोटो निबंध में पंजाब में विरोध प्रदर्शनों के शुरुआती दिनों के बारे में और अधिक पढ़ सकते हैं।
“हम वापस नहीं जाने वाले - यह हमारे खून में नहीं है। कृषि एक धीमे जहर में बदल दी गई है। यहां लड़ते हुए मर जाना बेहतर है।” - रिंघू यसपाल, गाजीपुर, भारत में एक प्रदर्शनकारी।
अमेरिकी किसान और सहयोगी खाद्य न्याय के पैरोकार अधिवक्ता, भारत में अन्यायपूर्ण कृषि क़ानूनों के खिलाफ चल रहे किसान विरोध प्रदर्शन के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं - वे कानून, जो किसानों की खाद्य प्रणाली पर कृषि व्यवसाय की जकड़बंदी को बढ़ाएंगे। भारत के किसानों ने ढाई महीने से अधिक समय से नई दिल्ली के बाहरी इलाके में डेरा डालते हुए दुनिया के सबसे जीवंत विरोध प्रदर्शनों में से एक का सृजन किया है। उनके आंदोलन का उद्देश्य उन तीन अन्यायपूर्ण कृषि कानूनों को निरस्त करना है जो उनकी जानकारी या परामर्श के बिना पारित किए गए थे। हम इन अनगिनत किसानों के प्रति अपनी एकजुटता का हाथ बढ़ाते हैं, जो शांति और साहसपूर्वक, दुनिया भर के अन्य किसानों के साथ अपने अधिकारों और सम्मान के लिए उठ खड़े हुए हैं।
आंदोलन की प्रमुख मांगों में से एक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) - जो वर्तमान में सिर्फ कुछ फ़सलों के लिए आश्वासित है - उसे सभी उपज,सब्जियों सहित जो स्वस्थ आहार के लिए आवश्यक हैं,के लिए प्राप्त करना है। इससे यह सुनिश्चित हो पाएगा कि भारत में पहले से ही भारी कर्ज में डूबेकिसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले। एमएसपी वह मूल्य है जिस पर भारत सरकार अपने सार्वजनिक खाद्य कार्यक्रमों के लिए किसानों से गेहूं और चावल जैसे मुख्य अनाज भी खरीदती है, ताकि गरीब लोग रियायती अनाज का लाभ उठा सकें। जहाँ भारत सरकार अपने खाद्य कार्यक्रमों के लिए उपज का केवल एक छोटा प्रतिशत ही खरीदती है, एमएसपी भारत में अन्य व्यापारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण मूल्य संकेत है, और यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को इन विशिष्ट फसलों के लिए उचित मूल्य प्राप्त हो।
हम इन दमनकारी क़ानूनों के कारण उत्पन्न स्थितियों को बनाने में अमेरिकी सरकार की भूमिका को पहचानते हैं। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका भारत के एमएसपी के सीमित उपयोग का एक प्रमुख विरोधी रहा है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपीय सहयोगियों के साथ अमेरिका ने दावा किया है कि भारत का एमएसपी व्यापार तंत्र को विकृत करता है।
लेकिन, यह आश्चर्यजनक नहीं है: अमेरिकी सरकार दशकों से अपने घर में पैरिटी (भारतीय एमएसपी के समान) की अवधारणा को मिटा रही है। बिडेन प्रशासन के लिए यह एक अवसर है - अन्य देशों को अपने किसानों के लिए न्यायपूर्ण बाजारों का समर्थन करने की अनुमति देने के लिए अमेरिकी व्यापार नीति को परिवर्तित करने - और यह सुनिश्चित करने के लिए कृषि नीति को बदलने का कि हमारे खाद्य प्रदाताओं को जीवन निर्वाह मज़दूरी मिल सके।
जबकि अमेरिकी कृषि क्षेत्र को अन्य देशों की तुलना में असाधारण रूप से विशाल सरकारी समर्थन प्राप्त है, लेकिन उस समर्थन की पहुंच गैर-समतामूलक बनी हुई है। विशेष रूप से, काले, स्वदेशी, लातीनी, एशियाई-प्रशांत और अन्य अश्वेत किसान, जिनके पास सुरक्षित भूमि का अभाव है और जो सब्जी और छोटे पैमाने पर पशु क्षेत्रों में केंद्रित हैं, उनको ऐतिहासिक रूप से बाहर रखा गया है। स्वतंत्र परिवार किसानों,जिनकी आवाज़ को हम विस्तारित करते हैं, के बजाय सरकारी समर्थन बड़े कृषि व्यवसाय संचालन की ओर प्रवाहित होता है।
स्पष्ट रूप से कहें तो: भारतीय किसान अब जिस दौर से गुजर रहे हैं, वह लगभग चार दशक पहले अमेरिका में गुज़र चुका है। रीगन युग ने जानबूझकर किए गए संघीय नीतिगत परिवर्तनों के माध्यम से, पैरिटी कीमतों के व्यवस्थित क्षरण और अन्य विनियमितीकरण प्रयासों से खेती के संकट को और भी गहन कर दिया। "बड़े हो या बाहर हो" हमारी सरकार का मंत्र रहा है। जिन किसानों के पास समेकन के साधन हैं, उन्हें मोनोकल्चर (किसी दिए गए क्षेत्र में एक ही फसल की खेती) उत्पादों को उपजाने के लिए पुरस्कृत किया गया है। अमेरिकी आदिवासी राष्ट्रीयतायें और पारंपरिक उत्पादक, साथ ही छोटे किसान, जिन्होंने हमेशा से या हाल ही में विविधतापूर्ण एग्रोइकोलॉजीकल खेती (कृषि प्रणालियों और प्रथाओं और पर्यावरणीय संरक्षण के पारिस्थितिक सिद्धांतों पर आधारित कृषि ) की शुरुआत की है, प्रभावी रूप से अमेरिकी कृषि क्षेत्र को सब्सिडी दे रहे हैं। इन खाद्य उत्पादकों के लिए पूरक आय के बिना जीवन यापन कर पाना दुर्लभ है। कोई आश्चर्य नहीं कि, ग्रामीण अमेरिका में किसान आत्महत्याएँ बाकी आबादी की तुलना में 45% अधिक हैं।
विश्व व्यापार संगठन ने निस्संदेह ही ग्लोबल साउथ और ग्लोबल नॉर्थ के बीच पहले से ही असमान अवसरों के स्तर को और भी विषम बना दिया है। वह न्यूनतम, जो प्रत्येक राष्ट्र-राज्य कर सकता है, वह है छोटे किसानों को भारत के तीन कृषि क़ानूनों जैसे विनियमनकारी प्रयासों से संरक्षित करना,जो किसानों की पहले से ही सौदेबाज़ी की सीमित क्षमता को और भी घटा देते हैं और उन्हें उनके खेतों से दूर कर देते हैं। अमेरिका में, यह कहा जाता है कि पिछले प्रशासन का एजेंडा " मुख्यतः विनियमितीकरण और ज़रूरतमंद परिवारों के लिए खाद्य सहायता में कटौती करते हुए वस्तु (वाणिज्यिक) उत्पादक किसानों के लिए सहायता बढ़ाते जाने पर केंद्रित था, [जिसके] दूरगामी प्रभाव होंगे।"
बिडेन-हैरिस प्रशासन ने एक आशाजनक शुरुआत की है, फिर भी, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर,खाद्य और कृषि नीति के संबंध में एकरूपता और पर्यावरण और नस्लीय न्याय पर अभी बहुत काम किया जाना है। अमेरिकी सरकार को छोटे किसानों पर कृषि व्यवसायियों के हितों को प्राथमिकता देना बंद करना चाहिए - जो कि अमेरिका और अन्य देशों में खाद्य प्रणाली के और अधिक कॉर्पोरेटीकरण को प्रोत्साहित करता है। अमेरिका को बहुपक्षीय शासन मानदंडों का समर्थन करना चाहिए, जो सभी उत्पादकों तक पहुंच सकने वाली जलवायु-लचीली, जैव-विविध और जल-संरक्षण खाद्य प्रणालियों की ओर भारत के संक्रमण को सुनिश्चित करेगा। इसका अर्थ एकरूपता मूलक मूल्य निर्धारण और सार्वजनिक फसल खरीद को शामिल करने के लिए व्यापार नियमों में सामंजस्य स्थापित करना भी होगा।
हम संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों और खेतिहर मज़दूरों द्वारा निर्मित एकजुट संघर्षों का विशेष सम्मान करते हैं, और उनके साथ खड़े हैं। हम दोनों ही सरकारों से आग्रह करते हैं कि वे स्वतंत्र परिवार किसानों, और स्थानीय खाद्य प्रणालियों का समर्थन-संरक्षण करें, खाद्य सार्वभौमिकता सुनिश्चित करें, और उन करोड़ों लोगों की आजीविकाओं का संरक्षण करें जो इनकी खाद्य संरक्षा और पोषण स्वास्थ्य की आधारशिला है।
A Growing Culture
Abanitu Organics
AFGE Local 3354
Agri-Cultura Cooperative Network
Agricultural Justice Project
Agroecology Commons
Agroecology Research-Action Collective
Alabama State Association of Cooperatives
Alianza Nacional de Campesinas
Alliance for Progressive South Asians (Twin Cities)
American Sustainable Business Council
Americana World Community Center
Ancestor Energy
Association for Farmers Rights Defense, AFRD Georgia
Black Farmers & Ranchers New Mexico/National Latino Farmers and Ranchers Trade Association
Buttermilk Falls CSA
Center for Regional Agriculture Food and Transformation
CoFED
Community Agroecology Network
Community Alliance for Global Justice
Community Alliance with Family Farmers
Community Farm Alliance
Community Food and Justice Coalition
Compassionate Action for Animals
Disparity to Parity
Earth Ethics Actio
East Michigan Environmental Action Council/Cass Commons
Echo Valley Hope
Ecologistas en Acción
Ecosocialist Working Group, International Committee, Democratic Socialists of America
Fair World Project
Family Farm Action Alliance
Family Farm Defenders
Farm Aid
Farm and Ranch Freedom Alliance
Farmers On The Move
Farmworker Association of Florida
Ground Operations
Health of Mother Earth Foundation
i4Farmers
Imagining Transnational Solidarities Research Circle
Institute for Agriculture and Trade Policy
Institute for Earthbound Studies
Just Transition Alliance
Land Core
National Latino Farmers & Ranchers Trade Association
National Family Farmers Coalition
Natures Wisdom
NC Climate Justice Collective
NeverEndingFood
North Carolina Association of Black Lawyers Land Loss Prevention Project
Northeast Organic Farming Association—Vermont
Northeast Organic Farming Association, Mass. Chapter
Northeast Organic Farming Association-Interstate Council
OPEIU 39
Peoples Architecture Commonwealth
Pesticide Action Network North America
Philadelphia Community farm
Real Food Media
Regenerative Organic Alliance
Regenerative Rising
Rural Advancement Foundation International-USA
Rural Advancement Fund of the National Sharecropper Fund
Rural Coalition
Rural Development Leadership Network
Rural Vermont
Safe Food and Feed Foundation
Santa Cruz Permaculture
Science for the People
Science for the People —Twin Cities
Seeds for All
Shaping Change Collaborative
Sierra Club-USA
Southeastern African-American Farmers' Organic Network
Steward Foundation
Texas Drought Project
The Carbon Underground
United People Community Organization, Market, and Farms
University of MN Food Recovery Network
Uprooted & Rising
US Food Sovereignty Alliance
Utopia Cornucopia
Vision for Change Foundation
Vitis and Ovis Farm
Washington Biotechnology Action Council
Wisconsin Network for Peace and Justice
Women’s Environmental Institute
फोटो: रोहित लोहिया