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संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अवैध प्रतिबंधों को तत्काल समाप्त करने का आग्रह

अमेरिकी प्रतिबंध दुनिया का दम घोट रहें हैं। प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल यूएन को उन्हें समाप्त करने का आह्वान करता है।
हम एंटोनियो गुटेरेस (संयुक्त राष्ट्र महासचिव), गुयाना के प्रधान मंत्री मूसा नागामुट्टू (जी-77 के अध्यक्ष), और मिशेल बाचेलेट (मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त) का आह्वान करते हैं कि वे दुनिया के तीस से अधिक देशों पर (विशेष रूप से क्यूबा, ईरान और वेनेजुएला) पर गैरकानूनी रूप से लगाए गए एकतरफ़ा (प्राथमिक और माध्यमिक) प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
हम एंटोनियो गुटेरेस (संयुक्त राष्ट्र महासचिव), गुयाना के प्रधान मंत्री मूसा नागामुट्टू (जी-77 के अध्यक्ष), और मिशेल बाचेलेट (मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र की उच्चायुक्त) का आह्वान करते हैं कि वे दुनिया के तीस से अधिक देशों पर (विशेष रूप से क्यूबा, ईरान और वेनेजुएला) पर गैरकानूनी रूप से लगाए गए एकतरफ़ा (प्राथमिक और माध्यमिक) प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।

प्रिय महासचिव गुटेरेस, प्रधान मंत्री नागामुटो, और उच्चायुक्त बाचेलेट,

अमेरिका-समर्थित आर्थिक प्रतिबंध लगभग तीस देशों में लगभग एक तिहाई मानवता को प्रभावित करते हैं, जो वैश्विक बाजारों तक उन देशों की पहुंच को सीमित करके और इसके परिणामस्वरूप उनकी अपने देशवासियों के लिए धन पैदा करने, मुद्रा को स्थिर करने, और बुनियादी आवश्यकताओं को प्रदान करने की उनकी क्षमता को प्रतिबंधित करके, अनकही मौत और तबाही का कारण बनता है। पिछले कई दशकों से, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी संस्थागत शक्ति (वित्त और कूटनीति के संदर्भ में) का उपयोग उन देशों का गला घोंटने के लिए किया है जो अमेरिका के वैश्विक, राजनीतिक और आर्थिक एजेंडे का पालन नहीं करते हैं। सबसे नाटकीय मामला क्यूबा का है, जिसने छह दशकों से एक नाकाबंदी का सामना किया है, ऐसी नाकाबंदी जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा हर साल हटाने के पक्ष में वोट देती है। हमारे काल में, ईरान और वेनेजुएला के खिलाफ एकतरफ़ा (प्राथमिक और माध्यमिक) प्रतिबंधों ने इन देशों को अस्थिर कर दिया है और दोनों देशों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और जीवन की समग्र गुणवत्ता में गिरावट आई है। प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल के सदस्य, अपने चार्टर के माध्यम से, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र से (अमेरिकी प्रतिबंध-नीति द्वारा हस्तक्षेप के बिना) इन तीस देशों के दुनिया के साथ संप्रभु संबंधों को रखने के अधिकार को बहाल करने हेतु तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं।

हमने सोचा था कि वैश्विक महामारी के चलते इन प्रतिबंधों को कमजोर किया जाएगा; इसके बजाय, अमेरिका ने ईरान और वेनेजुएला के खिलाफ अपने प्रतिबंधों को और अधिक कड़ा कर दिया है, जो इन देशों को उनके चिकित्सा संस्थानों और उनके कल्याण संस्थानों पर पूर्ण हमले के रूप में प्रभावित कर रहा है।

23 मार्च 2020 को, महासचिव गुटेरेस ने 'वैश्विक युद्ध विराम' का आह्वान किया था; 'वायरस का प्रकोप', उन्होंने कहा, 'युद्ध की मूर्खता को झलकाता है'। यह जितना सैन्य संघर्ष (जैसे कि यमन और अफग़ानिस्तान के खिलाफ) पर लागू होता है, उतना ही हाइब्रिड युद्ध पर भी, जिनके उपकरणों में ये एकतरफ़ा (प्राथमिक और माध्यमिक) प्रतिबंध शामिल हैं। महासचिव के इन शब्दों को अनदेखा कर दिया गया है।

पिछले कई महीनों के दौरान, विभिन्न संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपरोर्टर्स और उच्चायुक्त बाचेलेट ने प्रतिबंध-नीति को समाप्त करने का आह्वान किया है। महासचिव गुटेरेस द्वारा अपना आह्वान किए जाने के एक दिन बाद, उच्चायुक्त बाचेलेट ने कहा, 'इस महत्वपूर्ण समय में, दोनों - वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य कारणों से और इन देशों के लाखों लोगों के अधिकारों और उनके जीवन का समर्थन करने के लिए - क्षेत्रीय प्रतिबंधों को आसान या निलंबित किया जाना चाहिए। वैश्विक महामारी के संदर्भ में, किसी भी देश में चिकित्सा प्रयासों को बाधित करना हम सभी के लिए जोखिम को बढ़ाता है।'

3 अप्रैल 2020 को, जी-77 और चीन - प्रधान मंत्री नागामुटू के नेतृत्व में - ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'जी-77 और चीन का मानना है कि इस समय, एकतरफ़ा विरोधी आर्थिक उपायों के अधिनियमन और आवेदन से देशों की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा - विशेष रूप से, इस महामारी के चलते उनकी आबादी का पर्याप्त रूप से इलाज करने के लिए चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति के अधिग्रहण की क्षमता पर। अंतत:, ये उपाय उस आवश्यक सहयोग और एकजुटता को भी प्रभावित करते हैं जो राष्ट्रों के बीच होने चाहिए। इसलिए, हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से विकासशील देशों के खिलाफ एकतरफ़ा विरोधी आर्थिक उपायों के उपयोग को समाप्त करने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय अपनाने का आह्वान करते हैं।'

जनवरी 2019 में, जब वेनेजुएला में तख्तापलट की कोशिश की गई थी, तो प्रतिबंधों के नकारात्मक प्रभाव से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के विशेष रैपरोर्ट, राजदूत इदरीस जार्जेट ने कहा था, 'मैं विशेष रूप से उन रिपोर्टों को सुनके चिंतित हूं कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य वेनेजुएला में सरकार को बदलना है। ज़बरदस्ती वाले तरीक़ों (चाहे सैन्य या आर्थिक) को कभी भी एक श्रेष्ठ राज्य में सरकार में बदलाव को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। एक निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बाहरी शक्तियों द्वारा प्रतिबंधों का उपयोग, अंतर्राष्ट्रीय कानून के सभी मानदंडों का उल्लंघन है।'

इसलिए, प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल के सदस्यों की हैसियत से, हम आग्रह करते हैं:

  1. कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य-राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करें जो अन्य सदस्य राष्ट्रों के खिलाफ एकतरफ़ा प्रतिबंधों के उपयोग को रोकने में मदद करता है।
  2. कि जी-77 और चीन इन एकतरफ़ा (प्राथमिक और माध्यमिक) प्रतिबंधों, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के मानदंडों का उल्लंघन करते हैं, के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव की मांग करें।
  3. कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव इन अवैध एकतरफ़ा प्रतिबंधों के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए तंत्रों का निर्माण करने के लिए काम करें।

प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल में, हम इस अनुरोध पर आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार करते हैं, और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

Available in
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Translator
Mohit Sachdeva
Date
18.12.2020
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